थाइमस sentence in Hindi
pronunciation: [ thaaimes ]
"थाइमस" meaning in English "थाइमस" meaning in Hindi
Examples
- मस्तिष्क के बाहर, ऑक्सीटॉसिन धारण करने वाली कोशिकाओं की पहचान विभिन्न ऊतकों में की गई हैं जिनमें पीत-पिण्ड, लैडिख की अन्तरालीय कोशिकाएं, रेटिना, आधिवृक्क मज्जा, प्लेसेंटा, थाइमस और अग्न्याशय शामिल हैं.
- थाइमस ग्रन्थि वक्ष (छाती) में मीडियास्टाइनम के ऊपरी भाग में उरोस्थि (स्टर्नम) के पीछे स्थित चपटे लसीकाभ ऊतक से बनी गुलाबी-भूरे रंग की एक नलिकाविहीन ग्रन्थि होती है।
- मध्यस्थानिका (मीडियास्टाइनम) दोनों फेफड़ों के बीच का खाली स्थान होता है, जिसमें हृदय, बड़ी रक्त वाहिकाएं, श्वास प्रणाली (Trachea), ईसोफेगस, थॉरेसिक डक्ट तथा थाइमस ग्रंथि आदि रहती है।
- जंतुओं के शरीर में पाई जानेवाली ग्रंथियों के नाम हैं: पीयूष (Pituitary, या Hypophysio), पीनियल (Pineal), अवटुग्रंथि (Thyroid), पैराथाइरॉइड (Parathyroid), थाइमस (Thymus), पैक्रिअस या अग्न्याशय (Pancreas), वृक्क (Adrenal); जननग्रंथि (Gonads), नर में वृषण (Testis) तथा मादा में अंडाशय (Ovary)।
- थाइमस सर्पाइलस औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोग के लक्षणों को समाप्त करने के लिए किया जाता है परन्तु यह औषधि बच्चों के श्वासयन्त्रों के संक्रमण, शुष्क, स्नायविक दमा आदि में विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।
- लसीका तन्त्र (Lymphatic system)-इस तन्त्र में लसीका (lymph), लसीका वाहिनियां (Lymph vessels) एवं लसीका ग्रंथि (lymph nodes) तथा दूसरे लसीका ऊतक, प्लीहा (spleen), टॉन्सिल्स एवं थाइमस ग्रन्थि शामिल होते हैं।
- जिस प्रकार सेना के विभिन्न अंगों एवं दस्तों का प्रशिक्षण अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से होता है, इसी प्रकार उत्पादन के बाद कुछ लिम्फोसाइट्स का प्रारंभिक प्रशिक्षण, परिमार्जन एवं परिपक्वन तो अस्थिमज्जा में ही होता है एवं बाकी को थाइमस नामक ग्रंथि में भेज दिया जाता है।
- श्वास प्रणाली की सूजन कई कारणों से होती है जैसे-श्वांस प्रणाली की ऊपरी ग्रंथियों का बढ़ जाना, बढ़ी हुई ग्रंथियों में विक्षेप होना, थायराइड ग्रंथि का बढ़ जाना, थाइमस का बढ़ जाना, मीडियास्टिनम में अर्बुद या महाधमनी मेहराब के कारण दबाव पड़ने के कारण।
- जिस प्रकार सेना के विभिन्न अंगों एवं दस्तों का प्रशिक्षण अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से होता है, इसी प्रकार उत्पादन के बाद कुछ लिम्फोसाइट्स का प्रारंभिक प्रशिक्षण, परिमार्जन एवं परिपक्वन तो अस्थिमज्जा में ही होता है एवं बाकी को थाइमस नामक ग्रंथि में भेज दिया जाता है।
- सहिष्णुता को, उपर्लिखित जांच की विधियों के केंद्रीय लसीकाभ अवयवों (थाइमस और अस्थि मज्जा) या परिधिक लसीकाभ अवयवों (लसीका पर्व, प्लीहा आदि जहां स्व-प्रतिक्रियात्मक बी-कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है) में कार्य करने या न करने के आधार पर ‘ केंद्रीय ' और ‘ परिधिक ' सहिष्णुताओं में विभाजित भी किया जा सकता है.