चौथा सप्तक sentence in Hindi
pronunciation: [ chauthaa septek ]
Examples
- चौथा सप्तक के सभी कवि इस परिस्थिति से न केवल परिचित रहे हैं बल्कि उसके दबाव का तीखा अनुभव भी करते रहे हैं और कुछ ने उसके कारण कष्ट भी सहा है।
- चौथा सप्तक में भी उस कसौटी से काम नहीं लिया गया है और पाठक जानेंगे-जैसा कि संपादक भी जानता है-कि संकलित कवियों के राजनीतिक विचार और उनके राजनीतिक सम्पर्क अथवा आस्थाएँ बिलकुल अलग-अलग हैं।
- चौथा सप्तक में शामिल राजेन्द्र किशोर और पत्रकार राजेन्द्र माथुर में गुरु, गाइड और फिलॉस्फर के अक्स पकड़ते-छोड़ते ‘ न्यूज रूम ' और ‘ विचार रूम ' के गुलजार परकोटों पर 25 बरस गुजार लिए हैं।
- अज्ञेय जी द्वारा सम्पादित चौथा सप्तक के कवि नन्दकिशोर आचार्य के जल है जहां, शब्द भूले हुए, वह एक समुद्र था, आती है जैसे मृत्यु, कविता में नहीं है जो, रेत राग तथा अन्य होते हुए काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं ।
- जिस काल की रचनाओं से चौथा सप्तक के कवि और उनकी कविताएँ ली गयी हैं उसमें फिर राजनीतिक पक्षधरता के आन्दोलन एक से अधिक दिशाओं में आरम्भ हुए और ध्रुवीकरण के नाम पर फिर एक व्यापक असहिष्णुता का वातावरण बन गया।
- शाह: ‘ चौथा सप्तक ' की भूमिका में आपने कवि के लिए एक ‘ मास्क ' अथवा ‘ पर्सोना ' की जरूरत पर बल दिया है, बल्कि सच्चाई को प्रस्तुत करने के लिए उसे (मुखौटे को) अनिवार्य माना है।
- और आशा की जा सकती है कि एक सार्वभौम मौलिक मूल्य के इस आग्रह के कारण चौथा सप्तक की कविताएँ न केवल स्वयं लोकप्रिय हो सकेंगी वरन् कविता के प्रति जिस उदासीनता की बात मैंने पहले की है उसे भी कुछ कम कर सकेंगी।
- लेकिन बाद में कविता के नये परिदृश्य और न ये प्रस्थापना बिंदुओं से अज्ञे य का कितना संबंध रह गया था, इसक ा एक स्थूल प्रमाण उनके द्वारा संपादित ” चौथा सप्तक ' में दिखाई देता है जिसमें शामिल सातों कवि कोई अर्थवान कविता नहीं लिख सक े।
- क्योंकि यह बात स्पष्ट हो जानी चाहिए कि चौथा सप्तक में जिन कवियों की रचनाएँ मैं चुन कर प्रस्तुत कर रहा हूँ उन का मैं प्रशंसक तो अवश्य हूँ, लेकिन उन्हें पाठक के सामने प्रस्तुत करते हुए उनके साथ एक दूरी, एक तटस्थता का भी बोध मुझमें है।
- चौथा सप्तक में मैंने अपने वक्तव्य में सर्जनात्मक कविता के बारे में कुछ प्रश्न उठाए थे-क्या हमारी संवेदना एक खास नजरिया में ही बंधी रहती है, जो शब्दाडम्बरी, सपाट बयानी कविता को क्रांति या नवचेतना की खातिर लिखते हैं वे क्रांतिद्रष्टा मनीषियों का अनादर करते हैं।