चालीसवाँ sentence in Hindi
pronunciation: [ chaalisevaan ]
"चालीसवाँ" meaning in English "चालीसवाँ" meaning in Hindi
Examples
- कॅरो..कॅरो..कॅरो..!! बचपन से गगन की उंचाई को छूने के ख़्बाबों को सजा कर, बारबार बूरी तरह धरती पर,औंधे मुँह गिरती, बगैर माँ की,अपने `आल्फ्रेड` नामक पिता का एक मात्र संतान और अभी-अभी अपना चालीसवाँ जन्मदिन पसार करने वाली कॅरो, मूलतः एक अमेरिकन संस्कारी नारी है ।
- !! बचपन से गगन की उंचाई को छूने के ख़्बाबों को सजा कर, बारबार बूरी तरह धरती पर, औंधे मुँह गिरती, बगैर माँ की, अपने ` आल्फ्रेड ` नामक पिता का एक मात्र संतान और अभी-अभी अपना चालीसवाँ जन्मदिन पसार करने वाली कॅरो, मूलतः एक अमेरिकन संस्कारी नारी है ।
- आज ' चालीसवाँ ' के दिन उन्होंने मूल अंग्रेजी में लिखे और हिन्दी में स्वयं पुनर्सृजित अपने आलेख में प्रोफेसर शिवदासन को जिस आत्मीयता से याद किया है और अपने अंतस में उपजती रिक्तता को शब्द दिए हैं उसे पढ़कर / महसूस कर रश्क होता है कि उनके साथ (उनके अधीन नहीं) काम कर चुके लोग उम्हें कितना चाहते रहे होंगें / रहे हैं।
- इससे मालूम हुआ कि सैंकड़ों भलाई के काम जैसे फ़ातिहा, ग्यारहवीं व तीजा व चालीसवाँ व उर्स व तोशा व ख़त्म व ज़िक्र की मेहफ़िलें, मीलाद व शहादत की मजलिसें जिनको बदमज़हब लोग बिदअत कहकर मना करते हैं और लोगों को इन नेकियों से रोकते हैं, ये सब दुरूस्त और अज्र और सवाब के कारण हैं और इनको बिदअते सैयिअह बताना ग़लत और बातिल है.
- “ मधुमक्खियों के द्वारा उत्पादित शहद में ज़कात नहीं है, लेकिन उस के मूल्य में उस वक़्त ज़कात अनिवार्य होगी जब उसे बेचने के लिए तैयार किया गया हो और उस पर एक साल बीत जाये, तथा उस का मूल्य निसाब (ज़कात के अनिवार्य होने की न्यूनतम राशि) को पहुँच जाये, ऐसी स्थिति में उस में दसवें भाग का एक चौथाई (चालीसवाँ) भाग ज़कात निकाली जायेगी। ”
- तो वह व्यापार के माल की ज़कात निकाले गा, जब उस के ज़कात का साल आ जाये और वह शेयर उसके अधिकार में हो: तो वह उसके बाज़ार मूल्य की ज़कात देगा, और अगर वहाँ उस के लिए कोई बाज़ार नहीं है तो विशेषज्ञों के उसके मूल्यांकन के अनुसार उसके मूल्य की ज़कात देगा, चुनाँचि वह उस मूल्य से और लाभांश से यदि शेयरों का कुछ लाभांश है तो, चालीसवाँ हिस्सा अर्थात 2.5 % ज़कात निकाले गा।
- कुछ और भयावह कल्पना की जाए कि यदि इतना भी बचा पाना संभव नहीं हुआ, तो....? तो ऐसे में मुझे 19 वीं शती के महानतम दार्शनिकों में गिने जाने वाले जर्मन दार्शनिक व लेखक Arthur Schopenhauer (1788-1860) याद आते हैं, जिन्होंने लिखा था कि यदि समूचा विश्व नष्ट हो जाए तो मात्र ईशोपनिषद (यजुर्वेद का चालीसवाँ अध्याय) बचा लिए जाने से समूची मानवता बची रह जाएगी क्योंकि उतने में भी समूची मानवता के लिए समस्त अथाह ज्ञान समाहित है।
- तो अगर वह कंपनी में शेयर इस उद्देश्य से खरीदा है ताकि वह शेयरों के वार्षिक लाभांश से फायदा उठाये, उस का मक़सद व्यापार करना नहीं है, तो इस प्रकार के शेयरों के मालिक पर मूल शेयर में ज़कात नहीं है, बल्कि केवल उसके लाभ में ज़कात अनिवार्य होगी, और वह लाभ (आय) को अपने क़ब्ज़े में करने के दिन से एक साल गुज़रने के बाद चालीसवाँ भाग (2.5 %) है, जबकि ज़कात के अनिवार्य होने की शर्तें पाई जाती हों और कोई रूकावट न हो।