चाँप sentence in Hindi
pronunciation: [ chaanep ]
"चाँप" meaning in Hindi
Examples
- कहीं मेरी तमाम बौद्धिक विवेचनाएं मिथ्या हों और इस शिवलिंग का आशीर्वाद ही जगत का अन्तिम सत्य हो, इस संशय से ग्रसित हो कर मैंने बाबा के चरण चाँप लिए।
- अरे वही जो डाक् साब के इहां कंपौडरी करता है....... साला कंपौडंरी भी मिलिटरी इस्टाइल....... एक गोली सुबह चाँप लेना..... दो गोली रात को लील लेना............
- इसमें दो बिन्दुओं के बीच की न्यूनतम दूरी उन बिन्दुओं के बीच की सरलरेखीय दूरी के बजाय उन बिन्दुओं से जाने वाले वृहदवृत्त के चाँप की लम्बाई को लिया जाता है।
- कहीं मेरी तमाम बौद्धिक विवेचनाएं मिथ्या हों और इस शिवलिंग का आशीर्वाद ही जगत का अन्तिम सत्य हो, इस संशय से ग्रसित हो कर मैंने बाबा के चरण चाँप लिए।
- अगर मैं शिखा से बदला लेने के चक्कर में लगा रहा, तो हो सकता है मैं एक सुविधामात्र बनकर रह जाऊँ और मेरी पत्नी को चाँप लेनेवाला एक अनन्य प्रेमी मिल जाए।
- अरे जिन लोगों ने भारत बंद करवाया है जरा उनसे पूछो कि क्या उन्होंने आज घर में खाना नहीं बनाया है भारत बंद के नाम पर......... चाँप के तो बैठे होंगे अच्छा अच्छा खाना खाकर....
- बड़ी चाँपिया चीज है स्साली, जब चलत है तो ओकर दुइनो प्याऊ हौले-हौले उछलत हैं, किसी भलमनई का बीज लागत है, ददन सुकुल हथेली में तम्बाकू-चूना रगड़ते हुए बोले, ससुरी कभी अंधेरे-उजाले मिल जाती तो वहीं चाँप देता, उन्होंने हथेली में रखी खैनी को ठोंककर पफटकारा और हथेली शिवपूजन के सामने कर दी।
- पहिले जैसे फिल्म, उपन्यास या कार्टून का हीरो (हमरे पिता जी के जमानें के हीरोअन मा देवानंद यहि मा फेमस हुई गये) लड़्कियों के स्कुल के आसपास कोई बिजली का खम्भा तलाश कर और हाथ में कोई मैगज़ीन या अखबार चाँप कर खम्भस्थ हो जाता था कि कब उनकी चहेती आये या निकले तो दर्शियाँए या पिछिआँये।
- पहिले जैसे फिल्म, उपन्यास या कार्टून का हीरो (हमरे पिता जी के जमानें के हीरोअन मा देवानंद यहि मा फेमस हुई गये) लड़्कियों के स्कुल के आसपास कोई बिजली का खम्भा तलाश कर और हाथ में कोई मैगज़ीन या अखबार चाँप कर खम्भस्थ हो जाता था कि कब उनकी चहेती आये या निकले तो दर्शियाँए या पिछिआँये।
- पहिले जैसे फिल्म, उपन्यास या कार्टून का हीरो (हमरे पिता जी के जमानें के हीरोअन मा देवानंद यहि मा फेमस हुई गये) लड़्कियों के स्कुल के आसपास कोई बिजली का खम्भा तलाश कर और हाथ में कोई मैगज़ीन या अखबार चाँप कर खम्भस्थ हो जाता था कि कब उनकी चहेती आये या निकले तो दर्शियाँए या पिछिआँये।