चंद्रवंश sentence in Hindi
pronunciation: [ chendervensh ]
"चंद्रवंश" meaning in Hindi
Examples
- तभी से इस जगह का नाम सत्य के आधार पर सांचोली पड़ गया तथा इस मां का नाम भगवान श्रीकृष्ण के चंद्रवंश से अवतार धारण करने के कारण चंद्रावलि पड़ गया।
- एक अन्य कथा के अनुसार चन्द्रमा ने वृहस्पति की पत्नी तारा का अपहरण किया था जिससे उसे बुध नाम का पुत्र उत्पन्न हुआ जो बाद में क्षत्रियों के चंद्रवंश का प्रवर्तक हुआ।
- अप्सराएँ जानती थीं कि पुरुरवा चंद्रवंश के प्रतापी राजा है और जब-जब देवताओं की विजय के लिए युद्ध करना होता है तब-तब इंद्र इन्हीं को, बड़े आदर के साथ बुलाकर अपना सेनापति बनाते हैं।
- अप्सराएँ जानती थीं कि पुरुरवा चंद्रवंश के प्रतापी राजा है और जब-जब देवताओं की विजय के लिए युद्ध करना होता है तब-तब इंद्र इन्हीं को, बड़े आदर के साथ बुलाकर अपना सेनापति बनाते हैं।
- हालांकि, क्षत्रिय जाति को तारांकित करते हुए अंग्रेजों के पूर्व जो व्यवस्था बनी थी उसमें सेंगर मान्य नहीं थे क्योंकि न वे सूर्यवंश में आते हैं न चंद्रवंश में और न ही अग्निवंश में।
- वंश-गोत्र = [[चंद्रवंश]] | कुल = यदुकुल | पिता = [[पाण्डु]] | माता = [[कुन्ती]], [[माद्री]] (विमाता) | जन्म विवरण = कुन्ती द्वारा इन्द्र का आवाहन करने से प्राप्त पुत्र अर्जुन |
- निषाद कन्या पराशर की प्रेयसी बन गयी थी, काशिराज की पुत्रियाँ द्वैपायन की दुरूपता सहन नहीं कर सकीं और भीष्म से प्रणय याचना के बदले तिरस्कार पाने वाली जम्बा ने शिव से उनकी मृत्यु का वर ले लिया. सत्यवती चंद्रवंश की रक्षा नहीं कर सकी.
- एक प्रश् न हम आपसे और करते हैं कि यदि भूमिहार नाम त्रेता या सतयुग का है, तो फिर इसे पुरुषों और स्मृतियों में अवश्य आना चाहिए, जैसे चंद्रवंश, सूर्यवंश अथवा कश्यप, वसिष्ठ और गौतम आदि गोत्रों का वर्णन सभी जगह आया करता है।
- सतयुग, त्रेता (सूर्यवंश व चंद्रवंश), द्वापर और कलियुग के राजा तथा उनकी भाषाएं, ‘ नूह ' की प्रलय गाथा, मगध के राजा नन्द, बौद्ध राजा, चौहान व परमार वंश, राजा विक्रम और वेताल की शिक्षाप्रद कहानियाँ-‘ वैताल-पचीसी ', रूपसेन एवं वीरवर, हरिस्वामी, राजा धर्मबल्लभ एवं मन्त्री सत्यप्रकाश, जीमूतवाहन एवं शंखचूड़, गुणाकर, चार मूर्ख, एवं मझले भाई की रोचक व शिक्षाप्रद कथाएं।
- वंश-गोत्र = [[चंद्रवंश]] | कुल = [[यदुकुल]] | पिता = [[सूर्य]] | माता = [[कुन्ती]] | धर्म पिता = [[पाण्डु]] | पालक पिता = [[अधिरथ]] | पालक माता = राधा | जन्म विवरण = [[दुर्वासा]] ॠषि के वरदान से कुन्ती ने [[सूर्य]] का आह्वान करके कौमार्य में ही कर्ण को पुत्र स्वरूप प्राप्त किया और लोक लाज भय से नदी में बहा दिया।