गुरु अर्जन देव sentence in Hindi
pronunciation: [ gauru arejn dev ]
"गुरु अर्जन देव" meaning in Hindi
Examples
- एक दिन गुरु अर्जन देव जी के पास चड्डे जाति के दटू, भानू, निहालू और तीर्था आए | उन्होंने आकर गुरु जी से प्रार्थना की महाराज! हमें तो आपके वचनों की समझ ही नहीं आती | एक जगह आप जी लिखते हैं-
- इस प्रकार श्री गुरु अर्जन देव जी लाहौर जाने से पहले ही श्री हरिगोबिंद जी को 14 संवत 1663 को गुरु गद्दी सौंप गए थे | परन्तु श्री गुरु अर्जन देव जी की रसम क्रिया वाले दिन आपको पगड़ी बांधी गई और आप जी गुरु गद्दी पर सुशोभित हुए |
- इस प्रकार श्री गुरु अर्जन देव जी लाहौर जाने से पहले ही श्री हरिगोबिंद जी को 14 संवत 1663 को गुरु गद्दी सौंप गए थे | परन्तु श्री गुरु अर्जन देव जी की रसम क्रिया वाले दिन आपको पगड़ी बांधी गई और आप जी गुरु गद्दी पर सुशोभित हुए |
- गुरु अर्जन देव जी महाराज, सिक्ख धर्म के पहले शहीद है,उनके बाद आज तक यह परंपरा हमारे रगों में खून बनकर प्रवाहित है / और प्रवाहित रहे यही मेरी, सच्चे पातशाह के प्रति, सिक्खी के प्रति, सच्ची श्रद्धांजलि होगी, सच्चा वारिस कहलाने का हक़ प्राप्त होगा-
- सेवा का ऐसा विचार रखते हुए श्री गुरु अर्जन देव जी कुछ सिखों को साथ लेकर एक टाहली के नीचे आ बैठे | बहुत से मजदूरों और कुछ सिख सेवकों को सरोवर खोदने के लिए लगा दिया गया | सभी जोश व लगन के साथ सरोवर की खुदाई में लगे हुए थे |
- पूरा पढ़ेंव्रत-त्योहारआने वाले व्रत-त्योहारहिंदूमुस्लिमसिखईसाईअन्यव्रत-त्योहारः 20 मई-26 मई, 2013वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह अवतार की चतुर्दशी के रूप में मनायाऔर >>उर्स मेला प्रारंभप्रतिवर्ष अजमेर की दरगाह शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर दो दिन का और >>गुरु अर्जन देव शहादत दिवससिख धर्म के पांचवें गुरु अर्जन देव जी का शहादत दिवस जून महीने में पड़ता है।
- सुख यंत्रकीमतः 150 रुकैट्स आईकीमतः 1350 रुऔर >>वास्तु टिप्सआत्मविश्वास और सौभाग्य के लिए ये फंडेलोकप्रियता बढ़ाने के ये 5 उपायसूखे फूल घर में न रखेंपढ़ते समय मुंह उत्तर की तरफ रखेंघर का मुख्य द्वार और वास्तु नियमबच्चों के कमरे की सही स्थितिऔर >>व्रत त्योहारहिन्दूमुस्लिमसिखईसाईअन्यगुरु अर्जन देव शहादत दिवससिख धर्म के पांचवें गुरु अर्जन देव जी का शहादत दिवस जून महीने में पड़ता है।
- बाला और कुष्णा पंडित लोगों को सुन्दर कथा करके खुश किया करते थे और सबके मन को शांति प्रदान करते थे | एक दिन वे गुरु अर्जन देव जी के दरबार में उपस्थित हो गए और प्रार्थना करने लगे कि महाराज! हमारे मन में शांति नहीं है | आप बताएँ हमें शांति किस प्रकार प्राप्त होगी हमें इसका कोई उपाय बताए?
- कुछ समय के बाद एक दिन श्री हरि गोबिंद जी को बुखार हो गया | जिससे उनको सीतला निकाल आई | सारे शरीर और चेहरे पर छाले हो गए | इससे माता और सिख सेवकों को चिंता हुई | श्री गुरु अर्जन देव जी ने सबको कहा कि बालक का रक्षक गुरु नानक आप हैं | चिंता ना करो बालक स्वस्थ हो जाएगा |
- जहाँगीर ने श्री गुरु अर्जन देव जी को सन्देश भेजा | बादशाह का सन्देश पड़कर गुरु जी ने अपना अन्तिम समय नजदीक समझकर अपने दस-ग्यारह सपुत्र श्री हरिगोबिंद जी को गुरुत्व दे दिया | उन्होंने भाई बुड्डा जी, भाई गुरदास जी आदि बुद्धिमान सिखों को घर बाहर का काम सौंप दिया | इस प्रकार सारी संगत को धैर्य देकर गुरु जी अपने साथ पांच सिखों-