गुरिंदर चड्ढा sentence in Hindi
pronunciation: [ gaurinedr cheddhaa ]
Examples
- कार्यक्रम में मौजूद अन्य लोगों में फ़िल्म स्टार फ़रदीन ख़ान और उनके पिता फ़िरोज़ ख़ान के साथ ही गुरिंदर चड्ढा, शबाना आज़मी, नदीम-श्रवण, जतिन-ललित, याना गुप्ता और समीरा रेड्डी जैसे स्टार मौजूद थे.
- बेंड इट लाइक बेकम के बाद निर्माता निर्देशक गुरिंदर चड्ढा की बहु चर्चित फ़िल्म ब्राइड एंड प्रेज्युडिस का लंदन में विशेष शो आयोजित किया गया जिसमें ऐश्वर्या राय पहली बार बॉलीवुड के दायरे से बाहर नज़र आई हैं.
- बेंड इट लाइक बेकम के बाद निर्माता निर्देशक गुरिंदर चड्ढा की बहु चर्चित फ़िल्म ब्राइड एंड प्रेज्युडिस का लंदन में विशेष शो आयोजित किया गया जिसमें ऐश्वर्या राय पहली बार बॉलीवुड के दायरे से बाहर नज़र आई हैं.
- दिखाई गई फ़िल्मों में गुरिंदर चड्ढा की बेंड इट लाइक बेकहम, सारा मिशेल की ग्रज, एंटोनियो बर्ड की द हैंबर्ग सेल और वाल्टर सेल्स की मोटरसाइकल डायरीज़ प्रमुख रहीं लेकिन पाकिस्तानी फ़िल्म खामोश पानी को लोगों ने बहुत पसंद किया.
- इस बार की सूची में 71 नये करोड़पतियों के नाम हैं और उनमें बेंड इट लाइक बैक्हम नामक फ़िल्म की निर्देशक गुरिंदर चड्ढा तथा बॉम्बे ड्रीम्ज़ नामक गीतिनाट्य एवं बीबीसी टीवी के धारावाहिक कुमार्ज़ एट 42 की निदेशक मीरा स्याल के नाम उल्लेखनीय हैं.
- इस बार की सूची में 71 नये करोड़पतियों के नाम हैं और उनमें बेंड इट लाइक बैक्हम नामक फ़िल्म की निर्देशक गुरिंदर चड्ढा तथा बॉम्बे ड्रीम्ज़ नामक गीतिनाट्य एवं बीबीसी टीवी के धारावाहिक कुमार्ज़ एट 42 की निदेशक मीरा स्याल के नाम उल्लेखनीय हैं.
- इस बार की सूची में 71 नये करोड़पतियों के नाम हैं और उनमें बेंड इट लाइक बैक्हम नामक फ़िल्म की निर्देशक गुरिंदर चड्ढा तथा बॉम्बे ड्रीम्ज़ नामक गीतिनाट्य एवं बीबीसी टीवी के धारावाहिक कुमार्ज़ एट 42 की निदेशक मीरा स्याल के नाम उल्लेखनीय हैं.
- मीरा नायर की ' मॉनसून वैडिंग', गुरिंदर चड्ढा की 'बेंड इट लाइक बेकम' और दीपा मेहता की वाटर विदेशियों को पसंद आई हैं मगर असल में ये भारतीय फ़िल्में नहीं गिनी जा सकती क्योंकि इन्हें बनाने वाले भारत से तो जुड़े हैं पर वे सब भारतीय मूल के लोग हैं.
- द हिंदू लिखता है, “अगर कोई फिल्म सकारात्मक, यर्थाथवादी और यहां तक कि मजेदार है तो वह है ड्रीम प्रोडक्शन का नवीनतम उद्यम जिसे गुरिंदर चड्ढा ने निर्देशित किया है 2 खेल के मूल्यों, नजरिए और प्यार जैसी चीजों पर अधिक दूर तक गए बगैर फिल्म हल्के-फुल्के ढंग से बनाई गयी फिल्म केवल यह प्रमाणित करती है कि विश्वसनीय और ईमानदार बनने के बहुत सारे रास्ते हैं.”
- [3] द हिंदू लिखता है, “अगर कोई फिल्म सकारात्मक, यर्थाथवादी और यहां तक कि मजेदार है तो वह है ड्रीम प्रोडक्शन का नवीनतम उद्यम जिसे गुरिंदर चड्ढा ने निर्देशित किया है [...] खेल के मूल्यों, नजरिए और प्यार जैसी चीजों पर अधिक दूर तक गए बगैर फिल्म हल्के-फुल्के ढंग से बनाई गयी फिल्म केवल यह प्रमाणित करती है कि विश्वसनीय और ईमानदार बनने के बहुत सारे रास्ते हैं.”