क्षेमेंद्र sentence in Hindi
pronunciation: [ kesemenedr ]
Examples
- परवर्ती अनेक आलंकारिकों ने कविराज राजशेखर का अनुकरण किया है जिनमें क्षेमेंद्र, भोजराज, हेमचंद्र, वाग्भट्ट, केशव मिश्र, अजिसेन, देवेश्वर आदि उल्लेख्य हैं।
- इनके आदर्श थे महर्षि वेदव्यास और उनके ही समान क्षेमेंद्र ने सरस, सुबोध तथा उदात्त रचनाओं से संस्कृतभारती के प्रासाद को अलंकृत किया।
- क्षेमेंद्र के बाद कल्हण ने ही तो सामयिक समाज पर व्यंग कसकर संस्कृत साहित्य की एक भारी कमी को पूरा करने में योग दिया है।
- क्षेमेंद्र की इस उद्भावना के बीज महर्षि भरत के नाट्यशास्त्र में भी उपलब्ध हैं, जिन्होंने नाटक में वेशभूषा के समुचित सन्निवेश की बात की है।
- क्षेमेंद्र के बाद कल्हण ने ही तो सामयिक समाज पर व्यंग कसकर संस्कृत साहित्य की एक भारी कमी को पूरा करने में योग दिया है।
- इस बात को ही क्षेमेंद्र ने अपनी कृति में स्पष्ट घोषित करते हुए कहा था, “औचित्य के बिना न अलंकार ही रुचि पैदा करते हैं, न गुण ही।”
- इनके अलाव क्षेमेंद्र का लोकप्रकाश, महीप की अनेकार्थमाला का हरिचरणसेन की पर्यामुक्तावली, वेणीप्रसाद का पंचनत्वप्रकाश, अने-कार्थनिलक, राघव खांड़ेकर का केशावतंस, 'महाक्षपणक की अनेकार्थ-ध्वनिमंजरी आदि साधारण शब्दकोश उपलब्ध है ।
- काश्मीरी कवि क्षेमेंद्र (11वीं शताब्दी) रचित तथा उनके पुत्र सोमेंद्र द्वारा संपूरित अवदानकल्पलता इस साहित्य का सचमुच एक बहुमूल्य रत्न है जिसकी आभा तिब्बती अनुवाद में भी किसी प्रकार फीकी नहीं होने पाई है।
- संग्रहं यस्सुवृत्तनां सुवृत्तनामिव व्यधात् इसमें यमक के द्वारा जिस चंद्रराज कवि का संकेत है, यह राजबहादुर श्रीयुत् पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा के अनुसार 'चंद्रक' कवि है जिसका उल्लेख कश्मीरी कवि क्षेमेंद्र ने भी किया है।
- भारतीय काव्यशास्त्र में आचार्य अभिनवगुप्त के शिष्य क्षेमेंद्र ने अपनी कृति “औचित्यविचारचर्चा” में रससिद्ध काव्य का जीवित या आत्मभूत औचित्य तत्व को घोषित कर एक नए सिद्धांत की स्थापना की थी, जो औचित्यवाद के नाम से प्रसिद्ध है।