काली सिंध sentence in Hindi
pronunciation: [ kaali sinedh ]
"काली सिंध" meaning in Hindi
Examples
- इसी प्रकार दमन-गंगा को पिंजाल से, बेदती को वरदा से, पार्वती को काली सिंध व चंबल से एवं पार्वती, तापी व नर्मदा को भी परस्पर जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
- राजगढ़-!-सारंगपुर नगर की जनता को साल पीने का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशासन ने काली सिंध नदी के पानी को सिंचाई कार्य में लेने पर रोक लगा दी है।
- सबसे बड़ी मुश्किल डीएम को गांव तक सुरक्षित ले जाने की थी क्योंकि काली सिंध नदी में इस समय पानी बाढ़ पर है और छोटी डोंगी से इसे पार कराने में जोखिम हो सकती थी।
- बांध निर्माण में पूर्व में आई तमाम बाधा के बाद अब जलसंसाधन विभाग (काली सिंध प्रोजेक्ट)इसे जल्द से जल्द बनाने में जुटा हुआ है, लेकिन बारिश में एक महीने का ही समय शेष माना जा रहा है।
- शिवपुरी जिले में नरवर का किला काली सिंध के पूरब में है जो शिवपुरी से करीब ४१ कि. मी. की दूरी पर है! नरवर का किला मध्ययुगीन समय का है! शिवपुरी माधव राष्ट्रीय उद्यान के लिए प्रसिद्ध है!
- श्रीमती प्रवेश देवी ने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कैला देवी में काली सिंध बांध पर स्नान करते समय एक महिला और उसके पाँच वर्षीय बच्चे को बांध में डूबते देख अपनी साडी की रस्सी बनाकर अपनी जान जोखिम में डालते हुए उन्हें बचाया और अदम्य साहस का परिचय दिया।
- कितनी गहरी रही ये खाई मन काँपता डर से अतल गहराइयाँ मन की झाँकने का साहस कहाँ दूर विजन एकांत में सरिता कूल सुहाना दृश्य कैसा नीम का वृक्ष चारों ओर से गहरी खाई काली सिंध बह रही मंथर बीहड़ खाइयाँ परिंदे पी पानी तलहटी का आ बैठते नीम की टहनियों पर
- नर्मदा, चम्बल, ताप्ती, क्षिप्रा, तवा, बेतवा, सोन, बेन गंगा, केन, टोंस तथा काली सिंध इन सभी नदियों के मुहानों पर आज सरकार पावर प्लांट लगा रही है या लगाने जा रही है जिससे लाखों लोगों के सामने अपने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है.
- उन्होंने बताया कि काली सिंध नदी में पुराना स्टाप डेम, कपिल सागर स्टाप डेम व कार्तिक सागर स्टापडेम के जल भराव क्षेत्र से नदी के दोनों तटवर्ती क्षेत्र पूर्वी एवं पश्चिमी भाग के किनारों पर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के कृषक घरेलू कार्यों को छोड़कर अन्य किसी भी कार्य के लिए 30 जून तक नदी का पानी नहीं ले सकेंगे।
- पावस में गहन ताप से सूखी हैं ये, संतप्त हैं, जल विहीना हैं बादलों तुम बरसो यहाँ इतना इस धारा को तृप्त कर दो नदी काली सिंध पानी से लहलहाए और ये ढूह जिसके किनारे बैठा हूँ आज मैं यहाँ इस नदी में डूब जाए होंगे प्रफुल्लित ग्रामवासी आऊँगा मैं यहाँ फिर शिशिर और हेमंत में हरित वृक्ष और पौधों से भरी देखना चाहता हूँ मैं “ यह धरा ” …………..