कर्मेंदु शिशिर sentence in Hindi
pronunciation: [ kermenedu shishir ]
Examples
- कर्मेंदु शिशिर के इस अमूल्य योगदान का प्रतिदान करने के लिए जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय ने अपने इस शोधागार का नाम कर्मेंदु शिशिर के नाम पर रखने का निश्चय किया, जो कि अपने आप में एक सराहनीय कदम है।
- कर्मेंदु शिशिर के इस अमूल्य योगदान का प्रतिदान करने के लिए जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय ने अपने इस शोधागार का नाम कर्मेंदु शिशिर के नाम पर रखने का निश्चय किया, जो कि अपने आप में एक सराहनीय कदम है।
- अरूण कमल, आलोक धन् वा, नंदकिशोर नवल, खगेंद्र ठाकुर, भृगुनंदन त्रिपाठी, मदन कश् यप, कर्मेंदु शिशिर, प्रेम कुमार मणि आदि पटना के सक्रिय लेखकों के घर आना जाना आरंभ हो चुका था।
- कर्मेंदु शिशिर के इस अमूल्य योगदान का प्रतिदान करने के लिए जर्मनी के ट् यूबिंगन विश्वविद्यालय ने अपने इस शोधागार का नाम कर्मेंदु शिशिर के नाम पर रखने का निश्चय किया, जो कि अपने आप में एक सराहनीय कदम है।
- कर्मेंदु शिशिर के इस अमूल्य योगदान का प्रतिदान करने के लिए जर्मनी के ट् यूबिंगन विश्वविद्यालय ने अपने इस शोधागार का नाम कर्मेंदु शिशिर के नाम पर रखने का निश्चय किया, जो कि अपने आप में एक सराहनीय कदम है।
- इस मौके पर सांस्कृतिक संकुल (सांस), जसम की ओर से प्रकाशित कुबेर दत्त की कुछ अप्रकाशित और कुछ असंकलित कविताओं के संग्रह ‘ इन्हीं शब्दों में ' का लोकार्पण आनंद प्रकाश, मदन कश्यप और कर्मेंदु शिशिर ने किया।
- हरेप्रकाश की बेहूदगियों का एक लंबा इतिहास रहा है और इसके शिकार एक-दो नहीं, मेरे समेत दर्जनों रहे हैं जिसमें प्रसिद्ध आलोचक विजय कुमार, कर्मेंदु शिशिर, अजय नावरिया, भाषा सिंह, वंदना देवेंद्र, वंदना मिश्र जैसे कई लोग हैं।
- ‘ कर्मेंदु शिशिर शोधागार ' के माध्यम से हिन् दी की लघु पत्रिकाओं को डिजिटल रूप में तब्दील करके उन्हें संरक्षित करने और इंटरनेट के माध्यम से दुनिया भर के हिन्दी प्रेमियों को सुलभ कराने की अत्यंत महत्ती परियाजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
- कर्मेंदु शिशिर के सहायक और कवि मित्र मदन कश्यप ने संस्मरण सुनाते हुए बताया कि कर्मेन्दु शिशिर ने दिन-रात एक करके हिन्दी की लघु पत्रिकाओं के अंक एकत्रित किए थे और हिन्दी के शोधार्थियों के लिए इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इनके संरक्षण की योजना बनाई।
- कर्मेंदु शिशिर के सहायक और कवि मित्र मदन कश्यप ने संस्मरण सुनाते हुए बताया कि कर्मेन्दु शिशिर ने दिन-रात एक करके हिन्दी की लघु पत्रिकाओं के अंक एकत्रित किए थे और हिन्दी के शोधार्थियों के लिए इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जर्मनी के ट् यूबिंगन विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इनके संरक्षण की योजना बनाई।