एक शोला sentence in Hindi
pronunciation: [ ek sholaa ]
Examples
- फिर जाने क्या क्या कहता हूँ फिर याद उसकी आती हैं फिर पल दो पल की लम्हे को यह साँस मेरी रुक जाती हैं एक शोला दिल में भड़कता हैं वो दर्द सेहर तक रहता हैं फिर वहम मुझे यह कहता हैं।
- मुजफ्फरनगर जनपद के गांव कवाल में छात्रा के साथ छेडछाड की घटना एक शोला बनकर भडक उठी जिसने 50 से अधिक लोगों की जिन्दगी लील ली तथा 50 हजार से अधिक लोगों को अपना घर बार छोडने के लिए मजबूर कर दिया।
- देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से …
- देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से...
- देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से...
- वे ूदुसरे ग्रह के विचित्र वासी उसके कमरे में थे ऌससे पहले कि उस के होंठो से कोई बात निकलती उनमें से एक व्यक्ति ने एक छोटी सी पिस्तौल राजू की ओर तान दी उस पिस्तौल से एक शोला निकला और उसके बाद क्या हुआ राजू को कुछ याद नही रहा
- हँसता हुआ बचपन वो बहता हुआ मौसम है छेड़ो तो एक शोला है छू लो तो बस शबनम है हँसता हुआ बचपन वो बहता हुआ मौसम है छेड़ो तो एक शोला है छू लो तो बस शबनम है गाँव में मेले में, राह में अकेले में आता जो याद बार बार वो प्यार है
- हँसता हुआ बचपन वो बहता हुआ मौसम है छेड़ो तो एक शोला है छू लो तो बस शबनम है हँसता हुआ बचपन वो बहता हुआ मौसम है छेड़ो तो एक शोला है छू लो तो बस शबनम है गाँव में मेले में, राह में अकेले में आता जो याद बार बार वो प्यार है
- हस्ती मेरी हस्ती की हकीकत क्या है एक शोला है हवा की ज़द पर जो भड़कता भी है जो सर्द भी हो जाता है या सफीना है कोई वक्त की लहरों पे रवां अाज तक हस्ती ए मौहूम का इर्फां न हुअा खुदशनासी या खुदअागाही क्या नफ्स ए नाकारा तकाज़े तेरे खुदफरेबी के सिवा कुछ भी [...]
- उभरती हुई कश्ती, भडका हुआ शोला एक कश्ती एक कागज़ की कश्ती है, धीरज की पतवार है आशाओं के मल्हार है, साथी जिसका मझधार है हवाओं को है काटना, पानियों को है चीरना बाज़ुओं की ताकत से, तकदीरों को है बदलना एक शोला कोई झिलमिलाता जुगनु नही, नही कोई टूटा हुआ तारा ये तो है वो शोला, जो किसी तूफ़ां से ना हारा माना की वक्त की गर्द तो, आज इस पर छाई है फिर एक सुबह होगी, आशा ये सन्देसा लाई है.