उपनिषदो sentence in Hindi
pronunciation: [ upenisedo ]
Examples
- पुराणो के अनुसार एल (चन्द्रवंश) के क्षत्रवृद्ध नामक राजा ने काशी राज्य की स्थापना की, उपनिषदो में यहां के राजा अजातशत्रु का उल्लेख है, जो ब्रह्म विद्या और अगिन विद्या के प्रकाण्य विद्वान थे.
- प्रमाण के लिए उन्होंने वेदों, उपनिषदो, संस्कृत साहित्य आदि से पर्याप्त तथ्य भी दिये हैं, लेकिन उनके यह सब सिद्ध करने के पीछे यह कदापि नहीं है कि ÷ वहाँ ' ऐसा कुछ है तो ÷ यहाँ ' क्यों नहीं है?
- सभी उपनिषदो इस मंत्र का वर्णन मिलता है| गीता मे भी इसकी महत्ता बतायी गयी है|इसे केवल हिन्दुओं मे ही नहीं बल्कि सिखों, जैनों और बौद्धों मे समान रूप से सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है| भारत के बाहर चीन और तिब्बत मे भी यह प्रचलित है| चीनी मे
- गुजराती प्रिटिंग प्रेस बम्बई से मुदित उपनिषद्-वाक्य-महाकोष में २२३ उपनिषदों की नामावली दी गई है, इनमें उपनिषद(१) उपनिधि-त्स्तुति तथा (२)देव्युपनिषद नं-२ की चर्चा शिवरहस्य नामक ग्रंथ में है लेकिन ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं तथा माण्डूक्यकारिका के चार प्रकरण चार जगह गिने गए है इस प्रकार अबतक ज्ञात उपनिषदो की संख्या २२० आती हैः-
- गुजराती प्रिटिंग प्रेस बम्बई से मुदित उपनिषद्-वाक्य-महाकोष में २२३ उपनिषदों की नामावली दी गई है, इनमें उपनिषद(१) उपनिधि-त्स्तुति तथा (२)देव्युपनिषद नं-२ की चर्चा शिवरहस्य नामक ग्रंथ में है लेकिन ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं तथा माण्डूक्यकारिका के चार प्रकरण चार जगह गिने गए है इस प्रकार अबतक ज्ञात उपनिषदो की संख्या २२० आती हैः-
- गुजराती प्रिटिंग प्रेस बम्बई से मुदित उपनिषद्-वाक्य-महाकोष में २२ ३ उपनिषदों की नामावली दी गई है, इनमें उपनिषद (१) उपनिधि-त्स्तुति तथा (२) देव्युपनिषद नं-२ की चर्चा शिवरहस्य नामक ग्रंथ में है लेकिन ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं तथा माण्डूक्यकारिका के चार प्रकरण चार जगह गिने गए है इस प्रकार अबतक ज्ञात उपनिषदो की संख्या २२ ० आती हैः-
- दुनिया मे ऐसी कोई संस्कृति नही होगी जहाँ प्रकृति को विभिन्न रूपो और स्वरूपो में पूजा गया है, रही बात त्योहारो से जुड़ी कहानियो की तो, सामान्य जनता जो उपनिषदो और वेदो की लिखी गूढ बातो को नही समझ सकती, उनके लोक आचरण के लिये विभिन्न ऋषि मुनियो ने अनेक गाथाये लिखी और उनको विभिन्न त्योहारो से इस तरह से जोड़ा कि सामान्य जन भी उसके साथ जुड़ सके और उसे अपना सके साथ ही ईश्वर का ध्यान और मनन कर सके.
- उपनिषदो के पश्चात एक समृद्ध एवं अद्भूत बौद्धिक विकास का युगआया जिसमे अन्तज्ञानात्मक मन की क्रियाशीलता बौद्धिक मन की क्रिया मेपरिणत हो रही थी जबकि जीव जगत और आत्मा को तथा उनके सभी संबधो को तार्किकऔर व्यावहारिक बुद्धि के सम्मुख उपस्थित होने वाले रूप में देखने कायत्न करना वाछनीय हो गया फस्वरूप वैयक्तिक और सामाजिक जीवन की संगत एवंव्यवस्थित प्रणाली में एक नैतिक, सामाजिक तथा राजनैतिक आदर्श और वयवहार कोस्पष्ट रूप में व दृढता के साथ निर्धारित करने के उद्देश्य से प्रमाणिकसामाजिक ग्रंथो अथवा शास्त्रो का निर्माण हुआ, जिनमे से सर्वाधिक महान एवंप्रमाणिक है मनुस्मृति.