ईदुल अज़हा sentence in Hindi
pronunciation: [ eedul ajaa ]
Examples
- मैं ने ईदुल अज़हा के दौरान कुछ लोगों को अपने माता पिता और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी करते हुए देखा है, तो क्या यह धर्मसंगत है या बिदअत (नवाचार) है?
- अभी ज़रा ज़रुरी काम आ गया है इस्लिये बाकी बात बाद में..... ईदुल अज़हा की बहुत बहुत मुबारकबाद....अल्लाह आपकी और आपके घरवालों की कुर्बानियों को कुबुल फ़र्मायें......... बकरीद के ताल्लुक से एक लेख लिखा है इसमें सारी जानकारी है...... http://qur-aninhindi.blogspot.com/2009/11/matters-compulsory-works-of-bakrid-eid.html
- प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, अख़ज़र इब्राहीमी ने क़ाहिरा दौरे के दौरान कहा कि सीरिया में इतने दिनों से जारी युद्ध समाप्त होने की आशा जग गयी है और दोनों पक्षों ने ईदुल अज़हा के अवसर पर युद्ध विराम पर सहमति जताई है।
- इसमें कोई संदेह नहीं कि शरई (धार्मिक) ईदों (ईदुल फित्र और ईदुल अज़हा) और खुशी के अवसरों पर भाईयों, चचेरे भाईयों और रिश्तेदारों का एकत्रित होना और भेंट मुलाक़ात करना खुशी और आनंद, प्यार की वृद्धि और परिवारजनों के बीच संबंध को मज़बूत बनाने के कारणों में से है।
- सूचना के अनुसार अख़ज़र इब्राहीम ने मिस्र की राजधानी क़ाहिरा में अरब संघ के महासचिव नबील अरबी से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ईदुल अज़हा के अवसर पर संघर्ष विराम लागू करने पर सहमत हो गए हैं और वे इस संबंध में गुरुवार को एक बयान जारी करेंगे।
- ईदुल अज़हा में छुपा हुऐ कुर्बानी के ज़ज़्बे का मकसद तो यह है कि इसका फ़ायदा गरीबों तक पंहुचें, उनको अपनी खुशी में शामिल करने का खास इंन्तिज़ाम किया जायें, ताकि उस एक दिन तो कम से कम उनको अपने नज़र अंदाज़ किये जाने का एहसास न हो और वह कुर्बानी के गोश्त के इन्तिज़ार में दाल चावल खाने पर मजबूर न हों।
- ईदुल अज़हा में छुपा हुऐ कुर्बानी के ज़ज़्बे का मकसद तो यह है कि इसका फ़ायदा गरीबों तक पंहुचें, उनको अपनी खुशी में शामिल करने का खास इंन्तिज़ाम किया जायें, ताकि उस एक दिन तो कम से कम उनको अपने नज़र अंदाज़ किये जाने का एहसास न हो और वह कुर्बानी के गोश्त के इन्तिज़ार में दाल चावल खाने पर मजबूर न हों।
- रही बात नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिवस, या आशूरा, या इनके अलावा अन्य दिनों का समारोह करने और उसे लोगों के लिए एक अवसर और ईद बनाने की, तो हम यह बात वर्णन कर चुके हैं कि इस्लाम में ईद केवल दो दिन हैं, वे दोनों ईदुल फित्र और ईदुल अज़हा हैं, जैसाकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है।
- यह विषय कि हर जगह के रहने वाले अपने पवित्र इस्लामी समय को अपने क्षेत्र के समय के हिसाब से निर्धारित करें, यह शबे क़द्र से विशिष्ठ नहीं है बल्कि सभी पवित्र समयों के लिये यही तरीक़ा होता है जैसे ईदुल फ़ित्र का दिन, ईदुल अज़हा का दिन इस्लाम में पवित्र दिन होता है कि इस दिन की ख़ास इबादतें और अहकाम हैं और इनमें से हर एक ईद हर क्षेत्र में वहाँ के हिसाब से मनाई जाती है।
- और यदि वे त्योहार शरीअत सिद्ध हैं-और ईदुल फित्र व ईदुल अज़हा के अलावा कोई शरीअत सिद्ध त्योहार नहीं हैं-तो आपके लिए उनकी बधाई के कार्ड बनाना जाइज़ है, तथा आपके लिए उन्हें बेचना भी जाइज़ है, इस शर्त के साथ कि आप शरई या वैध इबारतों का चयन करें, उदाहरण के तौर पर “ तक़ब्बलल्लाहो मिन्ना व मिनकुम ” (अल्लाह हमारे और आपके अमल को स्वीकार करे) या इसी के समान अन्य इबारतें।