अम्ल पित्त sentence in Hindi
pronunciation: [ amel pitet ]
Examples
- एसीडिटी (अम्ल पित्त)-अनार रस और मूली का रस समान मात्रा में लेकर उसमें अजवायन, सैंधा नमक चुटकी भर मिलाकर सेवन करने से अम्ल पित्त बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
- यह छूत का रोग है, इसके निश्चित कारण अज्ञात हैं पर नमक, मिर्च, मीठे का अति सेवन, दिन में या ज्यादा सोने, कृमि रोग, अनेक मनोविकारों, अम्ल पित्त तथा अनूर्जता के कारण यह रोग बार-बार होता रहता है।
- अतः कई बार अम्ल की कम वृद्धि और उष्ण कीअधिक वृद्धि हो तो भी अम्ल पित्त निदान होगा, परन्तु ऐसी दशा में ःय्पेरचिडिट्य्नहीं भी मिल सकती है, अतः ःय्पेरचिडिट्य् या ःय्पेर्च्ह्लोर्ह्य्ड्रिअ अम्लपित्त कापर्याय न बनकर एक अवस्था बनती है.
- सेवन विधि और लाभ * जिनको अम्ल पित्त, पित्त प्रकोप और उदर में ज्यादा गर्मी होने की तथा पेट में जलन होने की शिकायत हो, मुँह में छाले होते रहते हों, आँखों और पेशाब में जलन हुआ करती हो, उन्हें ठण्डाई का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
- कुछ स्थितियों में वर्जि त * यदि रोगी पित्त प्रकोप (एसिडिटी) या अम्ल पित्त (हायपर-एसिडिटी) से पीड़ित हो, आंखों में लाली रहती हो, पेट में अल्सर हो, शरीर की उष्णता बढ़ी हुई रहती हो और किसी भी अंग में जलन होती हो तो ऐसी अवस्था ठीक न होने तक उसे शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
- परन्तु ध्यान रखें इस उपाय को कभी भूलकर भी अत्यंत कमजोर या दुर्वल लोग, थके होने की स्थिति मे, बहुत भूखा होने की स्थिति में, अम्ल पित्त या एसीडिटी के मरीज सेवन न करें अच्छा रहेगा कि आप किसी वैद्य या बी. ए. एम. एस. डा. से सलाह भी ले लें।