अभिधर्म sentence in Hindi
pronunciation: [ abhidherm ]
Examples
- इस संप्रदाय में दिनांग व धर्मकीर्ति के न्याय, मैत्रेयनाथ और असंग के प्रज्ञापारमिता सूत्र, नागार्जुन व चंद्रकीर्ति के माध्यमिक, वसुबंधु व असंग के अभिधर्म तथा गुणप्रभा द्वारा रचित विनय प्रमुख ग्रंथ है, जिस पर इनकी आध्यात्मिक व दर्शन टिका है।
- जिसमें कुछ मुख्य पुस्तकें हैं-प्रयाग प्रदीप, घाघ और भड्डरी, शंकराचार्य, मानस में तत्सम शब्द, संत तुकाराम, हिन्दी वीरकाव्य, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, जायसी, नैषध परिशीलन, हिन्दी नाटक और रंगमंच, अवधी का विकास, भोजपुरी लोकगाथा, अभिधर्म कोश, नौतर्ज मुरस्सा, आध्यात्म रामायण, इन्तखाबे दाग, आलमे हैवानी आदि।
- जिसमें कुछ मुख्य पुस्तकें हैं-प्रयाग प्रदीप, घाघ और भड्डरी, शंकराचार्य, मानस में तत्सम शब्द, संत तुकाराम, हिन्दी वीरकाव्य, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, जायसी, नैषध परिशीलन, हिन्दी नाटक और रंगमंच, अवधी का विकास, भोजपुरी लोकगाथा, अभिधर्म कोश, नौतर्ज मुरस्सा, आध्यात्म रामायण, इन्तखाबे दाग, आलमे हैवानी आदि।
- आचार्य वसुबन्धु ने सर्वास्तिवादी दृष्टिकोण से अभिधर्मकोश (कारिका तथा भाष्य) के आठ कोशस्थानों-धातु, इन्द्रिय, लोकधातु, कर्म, अनुशय, आर्यपुद्गल, ज्ञान और ध्यान तथा परिशिष्ट रूप पुद्गलकोश (भाष्य) में अभिधर्म के सिद्धांतों का विशद रूप से उपन्यास किया है।
- वसुबन्धु का बौद्ध परम्परा में न केवल अभिधर्म और योगाचार दर्शन को एक व्यवस्थित और क्रमबद्ध स्वरूप प्रदान करने के कारण महत्त्व है अपितु उनका महत्त्व बौद्ध विचार पद्धति में हेतुविद्या, वादविधि और प्रमाण व्यवस्था को एक निश्चित भूमि प्रदान करने में भी है, जो आगे चलकर दिङ्नाग, धर्मकीर्ति, ईश्वरसेन तथा अन्य बौद्ध नैयायिक आचार्यों की कृतियों में विस्पष्ट रूप से स्फुट हुई।