अन्त होना sentence in Hindi
pronunciation: [ anet honaa ]
"अन्त होना" meaning in English
Examples
- यानी तुम सब जानवर हो, तो ऐसे जानवरों का अन्त होना चाहिए, सिरदार! मैं तो माहुर से अफसर की जान ले लेती और यदि ऽनिया यह कहती कि झिरिया ने मालिक के प्राण लिये तो मैं सीना तानकर चिल्लाती कि नहीं, झिरिया निर्दोष है, जान मैंने ली है; मैंने । और...
- आदरनीय चाह तो मेरी भी यहि थी कि सुखमय अन्त करु, किन्तु इस कहानी की प्रेरणा एक सत्य घटना है....इसिलिये मै समाज का यह काला स्वरुप सभी को दिखना चाहती हू....!! अगर वस्त्विक जीवन मै ऐसी कहनियो के सुखद अन्त होना शुरु हो जाए तो वही हम सब की सच्ची जीत होगी!
- इन लोगों के कारण अपने आप को अपमानित महशूस करने की आवश्यकता नहीं हैं, नंगे ये समाज हैं, अपमान ये समाज के ठेकेदार हुए,धर्म के नाम पर उंच नीच,भेद-भाव का जो खेल खेला जा रहा है उसका अन्त होना ही हैं, देर हो सकता हैं पर अन्धेर नहीं हो सकता ।
- यह सब तो होना ही है, जब हम बिना सोचे समझे आज भी वोही कर रहे है, जब की पता है इस से हमारे आने वाली पीडीयो को नुकसान है, लेकिन जीवन फ़िर भी रहेगा,फ़िर से सब दोवारा पनपेगे,जिसे कल युग कहते है वो यही है, इस का अन्त होना ही है, फ़िर चिंता केसी??
- यह समय बड़ा ही विकट और विपरीत परिस्तिथियों का है प्रत्येक व्यक्ति यदि केवल इस बात का भी अनुसरण करे कि-तर्क और प्रमाण के बिना मैं कुछ नहीं मानूंगा और न ही किसी का अनुसरण करूँगा तथा निस्वार्थ होकर न्याय का पक्ष लूँगा तो भी इन सभी समस्याओं का अन्त होना निश्चित हो जायेगा।
- यह समय बड़ा ही विकट और विपरीत परिस्तिथियों का है प्रत्येक व्यक्ति यदि केवल इस बात का भी अनुसरण करे कि-तर्क और प्रमाण के बिना मैं कुछ नहीं मानूंगा और न ही किसी का अनुसरण करूँगा तथा निस्वार्थ होकर न्याय का पक्ष लूँगा तो भी इन सभी समस्याओं का अन्त होना निश्चित हो जायेगा।
- एक दबंग महिला पत्रकार के साथ यदि आठ वर्ष तक जेल में अत्याचार हो रहा हो, वह भी निराहार महिला के साथ! ऐसी अत्याचारी शासन का अन्त होना ही चाहिए, हम सभी ब्लोगरों को इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना ही होगा, यदि हम ऐसा नहीं करते तो हमें प्रजातंत्र देश के नागरिक कहलाने का हक नहीं हैं 1
- यह सब तो होना ही है, जब हम बिना सोचे समझे आज भी वोही कर रहे है, जब की पता है इस से हमारे आने वाली पीडीयो को नुकसान है, लेकिन जीवन फ़िर भी रहेगा, फ़िर से सब दोवारा पनपेगे, जिसे कल युग कहते है वो यही है, इस का अन्त होना ही है, फ़िर चिंता केसी??