१५७२ sentence in Hindi
pronunciation: [ 1572 ]
Examples
- सन् १५१०) में अश्विन कृष्ण १२ को अडेल में हुआ तथा दूसरे पुत्र विट्ठलनाथजी का जन्म वि.सं. १५७२ ई. सन् १५१५ पौष कृष्ण ९ को चरणाट में हुआ।
- कुछ लोग इन्हें गलती से मेगारा (Megara)का यूक्लिड समझते थे, जो (Plato) का समकालीन था, परंतु यह उनका भ्रम था, जिसको एक लेखक ने १५७२ ई० में दूर किया।
- मैं अपनी इस नयी जिंदगी की शुरुआत इस दरगह से करना चाहता था. ये मेरा एक ख्वाब था.जो हकीक़त में तब्दील हो चूका था.हज़रत शेख सलीम १४७८ से १५७२ के बीच लोकप्रिय हुए.वे चिश्तिया सिलसिले के नायाब नगीने है.
- जब उसकी माँकेथोराइन ने देखा कि प्रोटेस्टेण्टों की सत्ता दिन-दिन बढ़ती जा रही है, तब उसने प्रोटेस्टेण्टों को फँसाने के लिए नवार के हेनरी को अपनी लड़कीदेनी स्वीकार करके विवाह के बहाने उनको पेरिस बुलाया और सन् १५७२ ई.
- [४७] मुगल साम्राज्यले अकबरका राज्यारोहण पछि पहिलो निशाना गुजरातलाई बनाए र सागर तटमा प्रथम विजय पाए १५७२ मा, तर पोर्चुगलिहरूको शक्तिलाई ध्यानमा राख्दै पहिले केही वर्षहरूसम्म उनीसित मात्र फारसको खाडी क्षेत्रमा यात्रा गर्ने हेतु कर्ताज नामक पास लागि लिएदै रह्यो।
- इसके बाद उसने अपने राज्य का विस्तार करना शुरू किया और मालवा को १५६२ में, गुजरात को १५७२ में, बंगाल को १५७४ में, काबुल को १५८१ में, कश्मीर को १५८६ में और खानदेश(वर्तमान बुढ़हानपुर, महाराष्ट्र का भाग) को १६०१ में मुग़ल साम्राज्य के अधीन कर लिया।
- इसके बाद उसने अपने राज्य का विस्तार करना शुरू किया और मालवा को १५६२ में, गुजरात को १५७२ में, बंगाल को १५७४ में, काबुल को १५८१ में, कश्मीर को १५८६ में और खानदेश(वर्तमान बुढ़हानपुर, महाराष्ट्र का भाग) को १६०१ में मुग़ल साम्राज्य के अधीन कर लिया।
- इसके बाद उसने अपने राज्य का विस्तार करना शुरू किया और मालवा को १५६२ में, गुजरात को १५७२ में, बंगाल को १५७४ में, काबुल को १५८१ में, कश्मीर को १५८६ में और खानदेश (वर्तमान बुढ़हानपुर, महाराष्ट्र का भाग) को १६०१ में मुग़ल साम्राज्य के अधीन कर लिया।
- दिल्ली पर पुनः अधिकार जमाने के बाद अकबर ने अपने राज्य का विस्तार करना शुरू किया और मालवा को १५६२ में, गुजरात को १५७२ में, बंगाल को १५७४ में, काबुल को १५८१ में, कश्मीर को १५८६ में, और खानदेश को १६०१ में मुग़ल साम्राज्य के अधीन कर लिया।
- मुगल साम्राज्य ने अकबर के राजतिलक के बाद पहला निशाना गुजरात को बनाया और सागर तट पर प्रथम विजय पायी १५७२ में, किन्तु पुर्तगालियों की शक्ति को ध्यान में रखते हुए पहले कुछ वर्षों तक उनसे मात्र फारस की खाड़ी क्षेत्र में यात्रा करने हेतु कर्ताज़ नामक पास लिये जाते रहे।