हज़ारीप्रसाद द्विवेदी sentence in Hindi
pronunciation: [ hejaripersaad devivedi ]
Examples
- दूसरी ओर सांस्कृतिक अस्थिरतावादी नजरिये को पकड़ कर हज़ारीप्रसाद द्विवेदी से लेकर अभी तक बहुत-सा पुनर्मुल्यांकन कबीर को भक्त और कवि-दोनों मानने की वकालत करता है.
- हज़ारीप्रसाद द्विवेदी ने ' अशोक के फूल ' को अपने लेखन का विषय बनाया है, ' शिरीष के फूल ' को भी, लेकिन गुलमोहर नदारद है।
- आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी जी ने भी अपनी पुस्तक ' हिन्दी साहित्य ' में दो रसखान लिखे हैं-एक का नाम सैयद इब्राहीम और दूसरे का नाम सुजान रसखान है।
- हिंदी समाज अपनी साहित्य-संबंधी समझ को विकसित करने लिये जिन आलोचकों का ऋणी है, रामचंद्र शुक्ल, हज़ारीप्रसाद द्विवेदी, रामबिलास शर्मा और नामवर सिंह उनमें सर्वप्रमुख हैं.
- कुछ सालों तक इधर-उधर भटकने, हिन्दी प्रचारक बनने और तरह-तरह के कामों में उलझे रहने के बाद कारंथ वाराणसी पहुँचे और विश्वविद्यालय में पंडित हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के छात्र हो गए।
- कुछ सालों तक इधर-उधर भटकने, हिन्दी प्रचारक बनने और तरह-तरह के कामों में उलझे रहने के बाद कारंथ वाराणसी पहुँचे और विश्वविद्यालय में पंडित हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के छात्र हो गए।
- वे अपनी भाषा के उन हज़ारीप्रसाद द्विवेदी को भी भूल रहे थे, जिन्होंने कहा था, ‘ शास्त्र से भी मत डरो, गुरु से भी नहीं, लोक से भी नहीं।
- मुझे फिर याद आते हैं आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के निबंध जिनमें वह तमाम ' सूटेड-बूटेड' आर्य देवताओं के मध्य अकेले लेकिन दृढ़ता से खड़े दिखते फ़क्कड़, भभूतधारी और मस्तमौला अनार्य देवता शिव की भिन्नता को स्पष्ट करते हैं.
- हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के अन्तिम दिनों और उनके शिष्य नामवर सिंह को लेकर उनके विचार बेबाक हैं और आप देख सकते हैं कि आज से छत्तीस साल धूमिल नामवर सिंह के ' नामवर ' बने रहने की ट्रिक को ताड़ गये थे:
- सुमँत जी की टिप्पड़ी में “ जो देखा, सो लिखा ” अपनी जगह पर है, क्योंकि पँडित हज़ारीप्रसाद द्विवेदी जी के सामयिक सत्य इतने भयावह नहीं थे, जितनी की हमारी आपकी दिनचर्या में मिलने वाले ख़बरों में शुमार हैं ।