स्वेदज sentence in Hindi
pronunciation: [ sevedej ]
"स्वेदज" meaning in Hindi
Examples
- जीवन के सभी रूपों यथा देवता, जरायुज, अण्डज, स्वेदज और उद्भिज का आधार इन्हीं सूर्यदेव में है।
- देह चार प्रकार की होती है उद वृक्ष, स्वेदज कृमि कीट, अण्डज सर्प मछली पक्षी एवं जरायुज मनुष्य।
- यह प्रज्ञान ही ब्रह्मा, इन्द्र, प्रजापति, समस्त देवगण, पश्चमहाभूत तथा उद्विज्ज, स्वेदज अण्डज और जरायुज आदि सब प्रकार जीव-जन्तु हैं।
- अर्थात् स्वेदज, उद्भिज, अण्डज, जरायुज क्रमशः एक के बाद दूसरी कक्षा की योग्यता और शक्ति बढ़ती जाती है ।।
- चार प्रकार से जीवों की उत्पत्ति होती है जिन्हें उदिभज, स्वेदज, अणडज तथा जरायुज की श्रेणा में रखा गया है।
- यह प्रज्ञान ही ब्रह्मा, इन्द्र, प्रजापति, समस्त देवगण, पश्चमहाभूत तथा उद्विज्ज, स्वेदज अण्डज और जरायुज आदि सब प्रकार जीव-जन्तु हैं।
- यह अविनाशी जीव (अण्डज, स्वेदज, जरायुज और उद्भिज्ज) चार खानों और चौरासी लाख योनियों में चक्कर लगाता रहता है॥ 2 ॥
- इसके अनन्तर स्वेदज योनि में दो कलाओं का विकास माना जाता है, जिससे इस योनि में अन्नमय और प्राणमय कोषों का विकास देखने में आता है।
- इसी क्रम में परवर्ती जीवयोनि स्वेदज में ईश्वर की दो कला, अण्डज में तीन और जरायुज के अन्तर्गत पशु योनि में चार कलाओं का विकास होता है।
- शरीर की उत्पत्ति चार प्रकार-जरायुज, स्वेदज, अण्डज और उद्भिज से होती है और यह चौरासी लाख प्रकार की आकृतियों में जानी व देखी जाती है जिसमें मनुष्य शरीर एक श्रेष्ठतम् और सर्वोत्तम आकृति है।