सुषमा मुनीन्द्र sentence in Hindi
pronunciation: [ susemaa muninedr ]
Examples
- 0 9617597211 चिंतन तथा विमर्श परक सामग्री से रुबरु होने के बाद प्रदीप पंत, बलराम, सुषमा मुनीन्द्र, ओमप्रकाश तिवारी, राधेलाल बिजघावने, जयंत की कहानियां अब तक पढ़ ली हैं।
- प्रकाशित कहानियों में काम (राम स्वरूप अणखी), शाम का भूला (वासुदेव), योग क्षेम (सुषमा मुनीन्द्र) एवं दीमक (गोविंद उपाध्याय) अच्छी व समसामयिक कहानियां हैं।
- कमलेश्वर-वर्तमान साहित्य प्रेमचंद कथा पुरस्कार: अलीगढ़-अपने समय के महान कथाकार कमलेश्वर द्वारा संस्थापित वर्तमान साहित्य प्रेमचंद कहानी पुरुस्कार श्रीमती गायत्री कमलेश्वर द्वारा श्री कमलजीत सिंह एवं श्रीमती सुषमा मुनीन्द्र को प्रदान किया गया।
- इनमें विशेष रूप से शुभकामना (सुषमा मुनीन्द्र), दुनिया (सुमित्रा महरोल) तथा अस्तित्व (नीलमणि शर्मा) का केनवास आधुनिक विषय वस्तु से होता हुआ हमारे गौरवशाली अतीत की ओर ले जाता है।
- पत्रिका की कहानियों में विशेष रूप से तुम खुश रहो हमारा ओके है (सुषमा मुनीन्द्र), वेनिला आइसक्रीम और चाकलेट सांस (अचला बंसल), कोई बात नहीं पापा (मनीषा तनेजा) अनूठी तथा पठ्नीय रचनाएं है।
- संवेदनात्मक धरातल के स्तर पर ये कहानियाँ महत्वपूर्ण प्रभाव छोडती है जिसमें कमल की कहानी ' प्रोजेक्ट आक्सीजन‘, सुषमा मुनीन्द्र की 'शो फ्लॉप‘, रामदेव शुक्ल की 'हिंसा और अहिंसा‘, अनवर सुहैल की 'तिलचट्टे‘, दिनेश पालीवाल की 'यथास्थिति‘ तथा मोहम्मद हनीफ गदार की कहानी 'बंद कमरे की रोशनी‘
- जनमेजय, सोहन शर्मा, कुमार रवीन्द्र, रामायतन यादव, डॉ. आशा पांडेय, डॉ. सरोजनी प्रीतम, माताचरण मिश्र, के. के. मिश्रा, महावीर रवांल्टा, जगदीश किंजल्क, सुषमा मुनीन्द्र आदि की प्रतिक्रियाएं) यह एक झुनझुना होता है।
- इनमें प्रमुख हैं-एपेण्डिक्स (सुषमा मुनीन्द्र), भारत भाग्य विधाता (राकेश कुमार सिंह), यहां प्रेतात्माएं रोती हैं (रमेश कपूर), भंवर (शैलेष), कायर (प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव) एवं साथ-साथ, अलग अलग (राजेश झरपुरे) ।
- मन मोहने का मूल्य (सुषमा मुनीन्द्र), मदद (अमर गोस्वामी), निर्णय उस रात का (देवव्रत जोशी), सरगम (उर्मिला शिरीष) हादसा (रूपसिंह चंदेल) एवं जनकपुर का अवसान (शुभदा मिश्र) अपनी शैली व विषय वस्तु की विशिष्टता के कारण याद रखने योग्य हैं।
- डॉ0 श्रीराम परिहार नीरजा माधव देवेन्द्रराज ठाकुर डॉ0 सुधेशः सुषमा मुनीन्द्र कातिलाल काकरे निशिकांत कोचकर व बटुक चतुर्वेदी को 2006 के विनय राजा रामकमल कुमार महुआ माजी माता चरण मिश्र गोविन्द कुमार गुंजन अनिल कुमार पाराशर दिवाकर वर्मा अलोक श्रीवास्तव जगदीश जोशीरला तथा संध्य पाण्ड़ेय को 2007 के साहित्य अकादमी भोपाल के पुरस्कार दिए गए।