साहित्यिक ज्ञान sentence in Hindi
pronunciation: [ saahiteyik jenyaan ]
"साहित्यिक ज्ञान" meaning in English
Examples
- दिनेश जी, माफ करेंगे साहित्यिक ज्ञान / भाषा के व्याकरण के ज्ञान में मैं कमजोर हूँ, इसी कारण मेरे भाषा में आपको लिंग परिवर्तित दिखाई पड़ रहा है।
- इन लोगों का साहित्यिक ज्ञान प्राय: शून्य रहता है तथा जिस विषय के ग्रंथ को वे तैयार कर रहे होते हैं उस विषय से भी वे प्राय: अनभिज्ञ रहते हैं।
- इन लोगों का साहित्यिक ज्ञान प्राय: शून्य रहता है तथा जिस विषय के ग्रंथ को वे तैयार कर रहे होते हैं उस विषय से भी वे प्राय: अनभिज्ञ रहते हैं।
- मीरा जैसी तन्मयता, व्यथा उनकी रचनाओं में नहीं है, पर शेख की रचनाएं साहित्यिक ज्ञान और कवित्त, सवैयों का शुग शास्त्रीय स्वरूप प्रस्तुत करने के कारण हिंदी साहित्य की धरोहर हैं।
- और यही पर आप के प्रश्न संख्या १ ८ का उत्तर भी मै देना चाह रहा हूँ कि बौद्धिक कुशलता एवं साहित्यिक ज्ञान से एक शब्द के कई अर्थ निकाले जा सकते है, किन्तु भाव कभी भी अनेक नहीं हो सकते है.
- ऐसा कोई क्षेत्र भी तो नहीं जिसमें समीर जी का किसी अन्य से भी मुकाबला हो, चाहे वह ब्लॉग लेखन की कला हो, साहित्यिक ज्ञान हो, धनधान्य हो, प्रशंसक हों, पद हो, विनम्रता हो, सम्मान हो या कुछ और भी....
- मकानमालिक बन कर पावर ऑफ अटार्नी प्राप्त करने वाले प्रभो साहित्यिक ज्ञान के साथ साथ आप तो आध्यात्मिक ज्ञान से भी परिपूर्ण है, “ नीरज गोस्वामी जी ” ने क्या खूब कहा है कि आप कनाडा वासी हो कर भी भारत के लिए कितना सोंचते हो, आपका व्यंग तो लाजवाब है...
- “ आपको तो मेरा धन्यवाद करना चाहिए कि वो डायरी मैंने बुआजी के हाथ नहीं पड़ने दी और अपने पास रख ली नहीं तो इतना बड़ा हंगामा खड़ा होता कि आपका सारा का सारा साहित्यिक ज्ञान और प्रेम-गुरुता धरी की धरी रह जाती? ” मिक्की ने जैसे मेरे ताबूत में एक कील और ठोक दी।
- अंतत: उत्तराखंडी लोक संस्कृति विरासत के अथाह सागर के इस बूंद का अध्यन करने पर यह अहसास होता है की उत्तराखंड हिमालय में जागर लोकगीतों का दुर्लभ सांस्करतिक और साहित्यिक ज्ञान पहाड़-पहाड़ पर बिखरा पड़ा है जिसके मर्मज्ञ लोक कलाकार धीरे धीरे कम होते जा रहे हैं जिनसे लोकगीतों की यह अमूल्य निधि विलुप्त होने के कगार पर आ खड़ी हुयी जिसके लोक संरक्षण और संवर्धन के लिये सम्बंधित तात्कालिक सामाजिक पीढी का इन सभी लोकगीतों को समझने और एक सामाजिक,सांस्करतिक और ऐतिहासिक परिपेक्ष में इनके संकलन-अध्ययन तथा अवलोकन की नितांत आवश्यकता है |