समरांगण सूत्रधार sentence in Hindi
pronunciation: [ semraanegan suterdhaar ]
Examples
- घर बनाना शुरू करने से पहले वास् तुशास्त्र के अनुसार नियमों का पालन करना चाहिए, ' समरांगण सूत्रधार वास् तुशास् त्र ' में महाराजा भोजदेव ने लिखा है कि शुद्रों के लिए 3 तल वाला भ् ावन कल् याणकारी होता है, इस से बढ कर यदि शुद्र का भवन होगा तो उस के कुल का नाश हो जाएगा ' सार्ध त्रिभूमिशूद्राणां वेश् म कुर्याद् विभूतये, अतोधिकतरं यत् स् यात् तत् करोति कुलक्षयम ' (' समरांगण सूत्र 35 / 21)
- किसी भी यंत्र के मुख्य गुण क्या-क्या होने चाहिए, इसका वर्णन समरांगण सूत्रधार में करते हुए पुर्जों के परस्पर सम्बंध, चलने में सहजता, चलते समय विशेष ध्यान न देना पड़े, चलने में कम ऊर्जा का लगना, चलते समय ज्यादा आवाज न करें, पुर्जे ढीले न हों, गति कम-ज्यादा न हो, विविध कामों में समय संयोजन निर्दोष हो तथा लंबे समय तक काम करना आदि प्रमुख २ ० गुणों की चर्चा करते हुए ग्रंथ में कहा गया है-
- पंच तत्वों के तालमेल पर अर्थात ज्योतिष पर आधारित सिद्धांत दो हजार वर्ष पहले आचार्य वराहमिहिर और उसके बाद ग्यारहवीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा क्रमशः वृहत्संहिता तथा समरांगण सूत्रधार द्वारा वास्तुशास्त्र व्यवहार में आया और यह वास्तु ज्योतिष के नाम से प्रचलित हुआ अर्थात वास्तु ज्योतिष के उद्गम का श्रेय भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश के पश्चिमी मालवा को पहुँचता है जहाँ उज्जैन (कायथा) से आचार्य वराह मिहिर और धार के राजा भोज द्वारा वास्तु ज्योतिष के सैद्धांतिक व वैज्ञानिक पक्ष का व्यावहारिक प्रयोग निर्धारित किया गया है।
- पंच तत्वों के तालमेल पर अर्थात ज्योतिष पर आधारित सिद्धांत दो हजार वर्ष पहले आचार्य वराहमिहिर और उसके बाद ग्यारहवीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा क्रमशः वृहत् संहिता तथा समरांगण सूत्रधार द्वारा वास्तुशास्त्र व्यवहार में आया और यह वास्तु ज्योतिष के नाम से प्रचलित हुआ अर्थात वास्तु ज्योतिष के उद्गम का श्रेय भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश के पश्चिमी मालवा को पहुँचता है जहाँ उज्जैन (कायथा) से आचार्य वराह मिहिर और धार के राजा भोज द्वारा वास्तु ज्योतिष के सैद्धांतिक व वैज्ञानिक पक्ष का व्यावहारिक प्रयोग निर्धारित किया गया है।