श्वेताश्वतरोपनिषद sentence in Hindi
pronunciation: [ shevaashevteropenised ]
"श्वेताश्वतरोपनिषद" meaning in Hindi
Examples
- (-श्वेताश्वतरोपनिषद) इत्यादि और हम कह रहे हैं, ‘ दूरमपसर रे चाण्डाल ' (रे चाण्डाल, दूर हट), ‘ केनैषा निर्मिता नारी मोहिनी ' (किसने इस मोहिनी नारी को बनाया है?) इत्यादि।
- ‘ श्वेताश्वतरोपनिषद 6, 18 ‘ जो सर्वप्रथम परमपुरूष का निर्माण करता है और जो उसके लिए वेद का प्रकाश करता है मोक्ष की इच्छा रखने वाला मैं उसी दिव्य गुणों वाले की शरण में जाता हूं जिसने अपनी बुद्धि का प्रकाश (वेद में) किया है।
- रिलीजन्स ऑफ इण्डिया (राधाकृष्णन गीता), रिलीजियस लिटरेचर ऑफ इण्डिया(1620) पृष्ठ-12-14 पर फर्कुहार ने लिखा है-”यह (गीता) एक पुरानी पद्य उपनिषद है, जो सम्भवत: श्वेताश्वतरोपनिषद के बाद लिखी गई है और जिसे किसी कवि ने कृष्णवाद के समर्थन के लिए ई0 सन् के बाद वर्तमान रूप में ढाल दिया है।
- श्वेताश्वतरोपनिषद के पंचम अध्याय में है ब्रह्मा से भी श्रेष्ठ, गूढ़, असीम अक्षर ब्रह्म में विद्या-अविद्या हैं. नश्वर संसार का ज्ञान ‘ अविद्या ' है तथा अविनाशी जीवात्मा का ज्ञान ‘ विद्या ' है. जड़ व चेतन दोनों ही इस अगम्य में निहित हैं.