शङ्कराचार्य sentence in Hindi
pronunciation: [ shengekraachaarey ]
"शङ्कराचार्य" meaning in Hindi
Examples
- भगवान् शङ्कराचार्य के उपदेशामृत-वर्षा का एक-एक बंद मुमुक्षु चातक के लिये स्वाती का अलभ्य बूंद है और बुभुक्षु-संसारी के लिये है भवसागर में डूब जाने से बचाने वाला सबल संबल।
- भगवान् शङ्कराचार्य के उपदेशामृत-वर्षा का एक-एक बंद मुमुक्षु चातक के लिये स्वाती का अलभ्य बूंद है और बुभुक्षु-संसारी के लिये है भवसागर में डूब जाने से बचाने वाला सबल संबल।
- प्रयास में सफलता मिली और अनन्त श्री विभूषित स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती जी महाराज को सब प्रकार से सुयोग्य और समर्थ जानकर उन्हें शङ्कराचार्य के पद पर सन् १९४१ में अभिषिक्त किया और उन्हीं पर पीठ के पुनरुद्धार का महान् कार्य सौंपा गया।
- प्रयास में सफलता मिली और अनन्त श्री विभूषित स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती जी महाराज को सब प्रकार से सुयोग्य और समर्थ जानकर उन्हें शङ्कराचार्य के पद पर सन् १९४१ में अभिषिक्त किया और उन्हीं पर पीठ के पुनरुद्धार का महान् कार्य सौंपा गया।
- अपशूद्राधिकरण पर भाष्य लिख कर ब्रह्मविद्या में शूद्रों का अनधिकार सिद्ध करने वाले भगवान् शङ्कराचार्य तक ने भी ब्रह्मज्ञानी चाण्डाल के पैरों में अपना सिर ही रखा है और मनीषापञ्चरत्नम् स्तोत्र में ऐसे ज्ञानी चाण्डाल को अपना गुरु ही स्वीकार किया है...........
- प्रयास में सफलता मिली और अनन्त श्री विभूषित स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती जी महाराज को सब प्रकार से सुयोग्य और समर्थ जानकर उन्हें शङ्कराचार्य के पद पर सन् १ ९ ४ १ में अभिषिक्त किया और उन्हीं पर पीठ के पुनरुद्धार का महान् कार्य सौंपा गया।
- श्री ज्योतिष्पीठ संरक्षक वरिष्ठ जगद्गुरु श्रीशङ्कराचार्य श्रीमद् स्वामी शान्तानन्द सरस्वती जी महाराज के उपदेशों का संग्रह श्री शङ्कराचार्य उपदेशामृत के स्वरूप में आगामी शीघ्र समय में प्रकाशित करने का संकल्प है भगवान् इस संकल्प को पूर्ण करें ऐसी भगवत् पूज्यपाद श्री गुरुदेव भगवान् के चरणों में प्रार्थना है।
- भगवान् शङ्कर को जटाओं से होकर आई हुई सुरसरी भागीरथी के पुण्यप्रवाह के कण-कण में जैसे शीतलता, मधुरता, पवित्रता और महापाप् नाशिनी शक्ति स्वभाव से ही विद्यमान्रहती है, उसी प्रकार शङ्कर स्वरूप भगवान् शङ्कराचार्य श्रीमुख से निस्सृत वाणी के सुर-सुरी प्रवाह के कण-कण में शीतलता सरसता मधुरता के साथ-साथ सन्ताप-हारणी कलिमल-नाशिनी महाशक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव होता है।
- भगवान् शङ्कर को जटाओं से होकर आई हुई सुरसरी भागीरथी के पुण्यप्रवाह के कण-कण में जैसे शीतलता, मधुरता, पवित्रता और महापाप् नाशिनी शक्ति स्वभाव से ही विद्यमान्रहती है, उसी प्रकार शङ्कर स्वरूप भगवान् शङ्कराचार्य श्रीमुख से निस्सृत वाणी के सुर-सुरी प्रवाह के कण-कण में शीतलता सरसता मधुरता के साथ-साथ सन्ताप-हारणी कलिमल-नाशिनी महाशक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव होता है।
- ब्रह्मलीन गुरुदेव ज्योतिष्पीठोद्वारक जगद्गुरु श्री शङ्कराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती जी महाराज के प्राचीन उपदेशों का संग्रह दो भागों में श्री “ शङ्कराचार्य उपदेशामृत ” नामक पुस्तक का दो संस्करण समाप्त हो चुका है वह शीघ्र ही तृतीय संस्करण के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है एवं ज्योतिष्पीठोद्वारक नामक पुस्तक जिसमें ब्रह्मलीन गुरुदेव भगवान् का संक्षिप्त जीवन चरित्र है का प्रथम संस्करण समाप्त है पुनः उसके द्वितीय संस्करण का प्रकाशन किया जा रहा है।