विश्व सामाजिक मंच sentence in Hindi
pronunciation: [ vishev saamaajik mench ]
Examples
- इस सिलसिले में विश्व सामाजिक मंच (वर्ल्ड सोशल फोरम) एक विश्वसनीय चौखटा है, जिसमें उन तमाम सवालों पर बहस हो सकती है जिन पर पार्टियों के बने-बनाए तौर-तरीकों के आधार पर ईमानदार खोज मुमकिन नहीं।
- NavBharat Times, 28 Jan 2004: आदमी को सुधारे बिना समाज को सुधार लेने का सपना कितना मनमोहक है | मुंबई का ‘ विश्व सामाजिक मंच ' क्या इसी सुनहले सपने के सम्मोहन में नहीं फॅंस गया है?
- हमने देखा कि पिछले कुछेक दशकों में विश्व सामाजिक मंच के गठन से लेकर सिएटल के प्रदर्शनों से होते हुए यह उभार एक प्रतिशत की सत्ता के विरुद्ध 99 फीसदी द्वारा ‘ अकुपाई वाल स्ट्रीट ' आंदोलन तक आ गया है।
- ‘वैश्विक सिविल सोसाइटी की अनुगूँज ' की ताजा अभिव्यक्ति विश्व सामाजिक मंच (डब्लूएसएफ) है जिसका वार्षिक आयोजन 2001 से विभिन्न महाद्वीपों में किया जा रहा है और जिसने वैश्विक विकास के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए अपने हजारों कार्यकर्ताओं को एक साथ ला खड़ा किया.
- वैश्विक सिविल सोसाइटी की अनुगूँज ' की ताजा अभिव्यक्ति विश्व सामाजिक मंच (डब्लूएसएफ) है जिसका वार्षिक आयोजन 2001 से विभिन्न महाद्वीपों में किया जा रहा है और जिसने वैश्विक विकास के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए अपने हजारों कार्यकर्ताओं को एक साथ ला खड़ा किया.
- जनवरी 2005 में पोर्टो एलेग्रे, ब्राजील, में पांचवे विश्व सामाजिक मंच में 1,000 से अधिक गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए.[कृपया उद्धरण जोड़ें] कुछ का कहना है कि इस तरह के मंचों में, जो गरीबों की प्रचलित गतिविधियों से संबंधित होना चाहिए उसका स्थान गैर सरकारी संगठन ले लेते हैं.
- जनवरी 2005 में पोर्टो एलेग्रे, ब्राजील, में पांचवे विश्व सामाजिक मंच में 1,000 से अधिक गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए.[कृपया उद्धरण जोड़ें] कुछ का कहना है कि इस तरह के मंचों में, जो गरीबों की प्रचलित गतिविधियों से संबंधित होना चाहिए उसका स्थान गैर सरकारी संगठन ले लेते हैं.
- एक अर्थ में सारी दुनिया के सब तरह के लोग थे | इन सब लोगों को किसी एक परिभाषा में बॉंधना असंभव ही था | अगर ये लोग वैश्वीकरण के विरोधी थे तो कमसे कम उसके खिलाफ कोई ठोस अभियान ही चला देते लेकिन कैसे चला देते? स्वयं विश्व सामाजिक मंच क्या है?
- क़मर ने ये भी कहा कि जिन लोगों ने तहरीर चौक के आंदोलन की भूमिका सोची थी, वे विश्व सामाजिक मंच (वर्ल्ड सोशल फ़ोरम) के असर में थे और वे 21 वीं सदी में अरब दुनिया में गाँधी को नये सिरे से परिभाषित करने जैसी परिकल्पना के साथ आगे बढ़ रहे थे।
- 2004 में मुंबई (भारत) में तीसरे विश्व सामाजिक मंच (डब्ल्यू. एस. एफ.) में एक सफल विचारगोष्ठी के बाद एक संयुक्त परियोजना शुरू की गई जिसमें गैरसरकारी संगठनों के आंदोलनकारियों, जमीनी स्तर पर काम करने वाले निजीकरण विरोधी कार्यकर्ताओं, बुद्धजिवियों, विश्वविद्यालयों से जुड़े लोगों, सार्वजनिक सुविधाओं के प्रबंधाकों तथा श्रम संघों के लोगों का एक वैविध्यपूर्ण गठबंधन शामिल था।