विश्व के देश sentence in Hindi
pronunciation: [ vishev k desh ]
Examples
- यातायात एवं संचार साधनों के विकास के साथ ही गांव से शहर और शहर से मैट्रो शहर और इसी प्रकार पूरे विश्व के देश आपस में इस प्रकार जुड़ चुके हैं कि पूरा संसार एक संयुक्त गांव की भांति हो गया है।
- इसके विपरीत, इस विस्तृत श्रेणी के अंत में जो देश आते हैं उन्हें विकसित देश, सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से विकसित देश (एमईडीसी), प्रथम विश्व के देश, और “ औद्योगिक देश ” कहा जाता है.
- यदि विश्व के देश आज नही सम्हले तो कल के दिन उनको इस समस्या से जूझने के लिए तैयार रहना ही होगा क्योंकि आतंकी यह सोचते हैं की जो हम लोग सोच रहे हैं वही सही है बाकि सारे लोगों के सोच ग़लत हैं ।
- ब्रिटिश साम्राज्य में उनके उद्गम से प्रभावित होकर, संपर्क से तथा कई बार यू.एस. (U.S.) शैक्षणिक जगत की नकल करके, तथा आधुनिक अमेरिकन पॉप संस्कृति के द्वारा भी, अंग्रेजी भाषी शेष विश्व के देश अमेरिकी एवं ब्रिटिश अभ्यासों के मिश्रण को अपनाते हुये प्रतीत होते हैं.
- परिणाम है रूप और कार्यशीलता का एक अनूठा संगम; एक ऐसा लचीला, सस्ता, कम शक्ति पर चलने वाला, उत्तरदायी तथा टिकाऊ यन्त्र, जिस से विकासशील विश्व के देश दशकों का विकास एक छलांग में कर सकते हैं, ताकि उन के बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता एकदमपरिवर्तित हो जाए।”
- परिणाम है रूप और कार्यशीलता का एक अनूठा संगम; एक ऐसा लचीला, सस्ता, कम शक्ति पर चलने वाला, उत्तरदायी तथा टिकाऊ यन्त्र, जिस से विकासशील विश्व के देश दशकों का विकास एक छलांग में कर सकते हैं, ताकि उन के बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता एकदमपरिवर्तित हो जाए।
- कुल मिलाकर विश्व के देशों द्वारा ईरान को सर्वसम्मति से परमाणु निरस्त्रीकरण और विश्व शांति समिति का रिपोर्टर चुना जाना इस बात को दर्शाता है कि विश्व के देश परमाणु निरस्त्रीकरण के संबंध में ईरान पर विश्वास करते हैं और यह ज़ायोनी शासन के दावों का व्यवहारिक मुंह तोड़ जवाब है।
- में वास्तव में यूरोपीय सभ्यता की नवीनीकरण की शुरुआत हुई, जिसने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक क्रांतियों को जन्म दिया, जिसके बल पर उस महाद्वीप द्वारा पूरे ग्रह पर फैले मानवीय समाजों पर राजनैतिक और सांस्कृतिक प्रभुत्व जमाने के प्रयास से सन 1914 से 1918 तथा 1939 से 1945 t तक, पूरे विश्व के देश विश्व-युद्धों में उलझे रहे |
- पिछले कई दशकों में कृषि में प्रयुक्त उन्नत तकनीकों के कारण अनाज कि फसलों की नई किस्में तो आई है लेकिन जलवायु परिवर्तन ने उनकी पैदावार को बुरी तरह प्रभावित किया है | ग्लोबल वार्मिंग के कारण कहीं-कहीं सालाना बारिश के आकड़ों में भी भारी अंतर दिखाई दिया है, इस कारण भी अनाज की पैदावार पर बुरा असर हुआ है | समूचा विश्व ग्लोबल वार्मिंग से निपटने की रणनीति तैयार कर रहा है परन्तु बड़ी आर्थिक ताकतों के हितों के आगे विश्व के देश दो भागों में बंट कर रह गए हैं |
- जलवायु परिवर्तन पर चिंतन करने और इससे निपटने के लिए विश्व के देश 7-18 दिसंबर, 2009 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में इकट्ठा हुए| इस सम्मेलन में 192 देशों के लगभग 15,000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया| जलवायु परिवर्तन पर यह अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन था| इसके लिए डेनमार्क के राष्ट्रपति लार्स लोक्को रासमुसेन ने सभी देशों को आगे आने का आहान किया था| इस सम्मेलन के महत्वपूर्ण विषयों में क्योटो प्रोटोकाँल में निर्धारित किए गए कार्बन उत्सर्जन कटौती के लक्ष्यों का नवीकरण तथा वर्ष 2010 के बाद की रूपरेखा बनाना शामिल किया गया था|