विन्सेंट स्मिथ sentence in Hindi
pronunciation: [ vinesenet semith ]
Examples
- यहाँ तक कि विन्सेंट स्मिथ जैसे अकबर प्रेमी को भी यह बात माननी पड़ी कि चित्तौड़ पर हमले के पीछे केवल उसकी सब कुछ जीतने की हवस ही काम कर रही थी.
- विन्सेंट स्मिथ लिखता है कि मीठी भाषा के अलावा उसकी सबसे बड़ी खूबी अपने जीवन में दिखाई बर्बरता है! ३६. अकबर ने अपने को रूहानी ताकतों से भरपूर साबित करने के लिए कितने ही झूठ बोले.
- और साथ ही अकबर के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रामाणिक इतिहासकार विन्सेंट स्मिथ की अंग्रेजी की किताब “अकबर-द ग्रेट मुग़ल” से. हम दोनों किताबों के प्रमाणों को हिंदी में देंगे ताकि सबको पढ़ने में आसानी रहे.
- इतिहासकार केके भारद्वाज के शब्दों में “हेमू मध्यकालीन भारत का ‘नेपोलियन ' कहा जा सकता है”, यहाँ तक कि विन्सेंट स्मिथ जिन्होंने समुद्रगुप्त को भी नेपोलियन कहा था, मानते थे कि हेमू को भी भारतीय नेपोलियन कहा जाना चाहिये।
- और साथ ही अकबर के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रामाणिक इतिहासकार विन्सेंट स्मिथ की अंग्रेजी की किताब “ अकबर-द ग्रेट मुग़ल ” से. हम दोनों किताबों के प्रमाणों को हिंदी में देंगे ताकि सबको पढ़ने में आसानी रहे.
- और साथ ही अकबर के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रामाणिक इतिहासकार विन्सेंट स्मिथ की अंग्रेजी की किताब “ अकबर-द ग्रेट मुग़ल ” से. हम दोनों किताबों के प्रमाणों को हिंदी में देंगे ताकि सबको पढ़ने में आसानी रहे.
- विन्सेंट स्मिथ ने यह लिखा है कि अकबर महान फांसी देना, सिर कटवाना, शरीर के अंग कटवाना, आदि सजाएं भी देते थे.२१. २ सितम्बर १५७३ के दिन अहमदाबाद में उसने २००० दुश्मनों के सिर काटकर अब तक की सबसे ऊंची सिरों की मीनार बनायी.
- इतिहासकार केके भारद्वाज के शब्दों में “ हेमू मध्यकालीन भारत का ‘ नेपोलियन ' कहा जा सकता है ”, यहाँ तक कि विन्सेंट स्मिथ जिन्होंने समुद्रगुप्त को भी नेपोलियन कहा था, मानते थे कि हेमू को भी भारतीय नेपोलियन कहा जाना चाहिये।
- कर्नल टाड को आधार मानकर जैक्सन, कनिंघम तथा विन्सेंट स्मिथ भी जाटों को बाहर से आया और इण्डो-सीथियन मूल का वंशज मानने लगे. इस सिद्धांत का समर्थन जाट इतिहासकार बी. एस. ढिल्लों, बी. एस. दहिया, हुकमसिंह आदि करते हैं.
- मंगोल, द्रविण या अन्य जो भी हमारे देश में आये यहाँ श्रेष्ठ बन गये अर्थात आर्य हो गये. ब्रिटिश इतिहासकारों यथा-लेन पूल, विन्सेंट स्मिथ, कर्नल टाड आदि तथा हमारे रमेश चन्द्र माजुम्दार आदि जो उनसे प्रभावित थे योजनाबद्ध तरीके से आर्य को जाति सिद्ध करते रहे जिसका अनुसरण शल्य-चिकित्सक सरीखे विदेशियों के अनुयायी आज भी बड़ी बेशर्मी से कर रहे हैं.