वामन मेश्राम sentence in Hindi
pronunciation: [ vaamen mesheraam ]
Examples
- जब कांशीराम बाबासाहब को भला बुरा बोलते है तो बीएसपी के लोग उसे विरोध करने के बजाए उचित मानते है, अगर वामन मेश्राम ने भी कांशीराम के बाद बाबासाहब पर आरोप किया तो उसे गलत क्यों मानते है?
- वामन मेश्राम ने तब बामसेफ को नेतृत्व दिया, जब मान्यवर कांशीराम ने राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की और खापर्डे साहब के नेतृत्व में मेश्राम और बोरकर जी जैसे चुनिंदा कार्यकर्ताओं ने बामसेफ को जीवित रखने का फैसला किया।
- कांशीराम ने जीते जी वामन मेश्राम को कोई तवज्जो नही दिया था, उसके जाने के बाद भी मायावती ने भी उसे भिक नहीं डाली, उसी का नतीजा है, मुल्निवाशियों को भारत मुक्ति मोर्चा के काम में लगा दिया.
- हम बाबा साहेब अंबेडकर, कांसीरामजी, बहन मायावती से लेकर बहुजन समाज के सभी नेताओं कार्यकर्ताओं और यहां तक कि माननीय खापर्डे साहेब के बाद बामसेफ धड़ों के तमाम नेताओं वामन मेश्राम, झल्लीजी, बीडी बोरकर और ताराराम मेहना की सकार्तमक भूमिकाओं का शुक्रगुजार है।
- कांशीराम, मायावती, वामन मेश्राम, रामविलास पासवान, उदित राज, विजय मानकर और मराठा सेवा संघ के पुरुषोत्तम खेडेकर यह गैर-आर. पी. आय. के लोग नही है? जो बाबासाहब के आर. पी. आय. से भी पंगा लेने पर उतारू थे और है.
- अगर वे सही होते तो कोर्ट में चक्कर क्यों लगाते? एस ऍफ़ गंगावने / बी डी बोरकर के नजर में वामन मेश्राम चोर, झुटा, बदमाश नही होता तो उन्हें संघटन से बाहार जाने की क्या जरुरत थी? डीएनए रिपोर्ट का हवाला देते हुए, आर्य विदेशी है ऐसा कहा जाता है.
- मुद्दे की बात तो यह है कि अगर हम महत्वपूर्ण अतीत की भूमिका के बावजूद वामन मेश्राम के एकाधिकारवादी नेतृत्व के खिलाफ खड़े हो सकते हैं तो बाकी जो भी हमारे साथ काम करते हैं, उन्हें यह ख्याल रखना होगा कि एकीकरण की प्रक्रिया में लगे ईमानदार कार्यकर्ताओं को ब्रांडेड बनाने की कोई कोशिश सही नहीं जायेगी।
- हालांकि फिर भी बसपा सुप्रीमो मायावती को अब भी सबसे बड़ी वर्तमान दलित नेता के रूप में देखा जा रहा है जबकि उदित राज, रामदास आठवले, वामन मेश्राम, रामविलास पासवान, प्रकाश आंबेडकर, जोगेंद्र कवाड़े, सुशीलकुमार शिंदे, पीएल पुनिया सहित सैकड़ों की संख्या में दलित नेता काफी बौने साबित हो रहे हैं।
- संघटन मे व्यक्तिपूजा का बाबासाहबने जमकर विरोध किया फिर भी बामसेफ / बीएसपी के माध्यम से कांशीराम, मायावती, वामन मेश्राम को हीरो बनाया, जो तानाशाही कर रहे है और बाबासाहब को भी तानाशाही के समर्थक के रूप मे देखते है इतना ही नही तो वे बाबासाहब को भी तानाशाही समझने मे कोई कसर नही छोड़ते.