राजपूतानी sentence in Hindi
pronunciation: [ raajeputaani ]
Examples
- रानी ने चूल्हे पर दूध चढ़ा अपनी दासी को चुपचाप बाहर जाने का ईशारा कर दिया दासी रसोई से चली गयी, थोड़ी देर में दूध उफनने ही वाला था | जिसे पर नजर पड़ते ही राजपूतानी तुरंत चिल्ला पड़ी-“ दूध उफनने वाला है दूध उफनने वाला है!
- राजपूत समाज की और से महेन्द्रसिंह चौहान, महेन्द्र पंवार, महेन्द्र गेहलोत, कमलेश गेहलोत, गोपाल सिंह चौहान, राकेश परमार, नरेन्द्रसिंह भाटी ने राजपूत समाज के लोगों से आव्हान किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपने राजपूतानी परिधानों में आकर शौर्य यात्रा में भाग लेवें।
- उनका प्यार से बुलाया जानेवाला नाम था, “कुंजमा ”! १९४७ भारत स्वतन्त्र हुआ और उसी अरसे में “मीरा ” राजपूतानी भक्त संत कवियत्री की जीवन गाथा पर आधारित फ़िल्म बनी जिसमे, सुश्री सुब्बालक्ष्मी जी ने इतना सजीव पात्र निभाया था के लोग उन्हें आधुनिक युग की मीरा जी कहने लगे ।
- सोढा ने कहा-“ ऐसी कोई बात नहीं है यह कोई और ही बात है जो मैं आपको चाहते हुए भी बता नहीं सकता | बताने की कोशिश भी करता हूँ तो शब्द होठों तक नहीं आते | ” और कहते कहते सोढा ने वह सेठ द्वारा लिखा पत्र राजपूतानी को पकड़ा दिया |
- पूरा पत्र पढ़ राजपूतानी बेफिक्र हो बोली-“ बस यही छोटी सी बात थी | मुझे तो दूसरी ही चिंता थी | वचन निभाना तो एक राजपूत और राजपूतानी के लिए बहुत ही आसान काम है | ” और कहते हुए राजपूतानी ने अपने सारे गहने आदि लाकर पति के आगे रख दिए |
- पूरा पत्र पढ़ राजपूतानी बेफिक्र हो बोली-“ बस यही छोटी सी बात थी | मुझे तो दूसरी ही चिंता थी | वचन निभाना तो एक राजपूत और राजपूतानी के लिए बहुत ही आसान काम है | ” और कहते हुए राजपूतानी ने अपने सारे गहने आदि लाकर पति के आगे रख दिए |
- पूरा पत्र पढ़ राजपूतानी बेफिक्र हो बोली-“ बस यही छोटी सी बात थी | मुझे तो दूसरी ही चिंता थी | वचन निभाना तो एक राजपूत और राजपूतानी के लिए बहुत ही आसान काम है | ” और कहते हुए राजपूतानी ने अपने सारे गहने आदि लाकर पति के आगे रख दिए |
- इन्होंने पद्मिनी को बल के जोर पर हासिल करने के प्रति अलाउद्दीन खिलजी का नजरिया बदलने की कोशिश की यह कह कर कि ऐसा करने से असली खुशी नहीं हासिल होगी, स्त्री हृदय पर शासन स्नेह से ही किया जा सकता है, वह सच्ची राजपूतानी जान दे देगी और आप उसे हासिल नहीं कर सकेंगे।
- इन्होंने पद्मिनी को बल के जोर पर हासिल करने के प्रति अलाउद्दीन खिलजी का नजरिया बदलने की कोशिश की यह कह कर कि ऐसा करने से असली खुशी नहीं हासिल होगी, स्त्री हृदय पर शासन स्नेह से ही किया जा सकता है, वह सच्ची राजपूतानी जान दे देगी और आप उसे हासिल नहीं कर सकेंगे ।
- राजपूतानी बोली-“ मैंने भी एक राजपूत के घर जन्म लिया है, एक राजपूतानी का दूध पिया है, मुझे भी कमर पर तलवार बंधना व चलाना और घुड़सवारी करना आता है | बचपन में पिता के घर खूब घोड़े दौड़ाये है इसलिए मायके क्यों जाऊं आपके साथ चलूंगी | दोनों कमाएंगे तो कर्ज जल्दी चुकेगा | ”