युगाण्डा sentence in Hindi
pronunciation: [ yugaaanedaa ]
Examples
- यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रुप में शस्यश्यामला दीखती है।
- यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रुप में शस्यश्यामला दिखती है।
- यह भूमध्य रेखा के निकट भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर दक्षिण से उत्तर क्रमशः युगाण्डा, इथियोपिया, सूडान एवं मिस्र से होकर बहते हुए काफी लंबी घाटी बनाती है जिसके दोनों ओर की भूमि पतली पट्टी के रुप में शस्यश्यामला दीखती है।
- इन देशों में स्पेन, हालैण्ड (यूरोप), दक्षिण अफ्रिका, नाईजीरिया, केन्या, कांगों, इथियोपिया, जाम्बिया, युगाण्डा (अफ्रीका) इरान, फिलीपिन्स (एशिया), कोलंबिया, बोलिविया, क्यूबा और पनामा (अमेरिका महाद्वीप) शामिल हैं।
- सो इस देश में जन्मी, पली-बढ़ी, इस देश की मिट्टी से बनी, इस देश के तीज-त्यौहारों में रंगी डॉ. भावना जी दूर-देश युगाण्डा में रहने के लिए पहुँचती हैं, तो इस सबका अहसास यादों की स्वतः बनी पोटली में बंधकर साथ चला जाता है।
- रेलवे में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा देने गये उत्तर भारतीय छात्रों को मनसे के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है, उसे देखकर लगता है कि जैसे उत्तर भारत के लोगों के लिए महाराष्ट्र युगाण्डा है, जहां के तानाशाह इदी अमीन ने भारतीयों के साथ इसी तरह का सलूक किया था, जैसा कि राज ठाकरे कर रहे हैं।
- वैसे तो मुल्क की छवि की चिन्ता कोई करता नहीं है मगर ज़रा सोचिये फ़िर भी / क्या छवि मुल्क की बनी? कुछ यूँ कि हिन्द्स्तान भी युगाण्डा और सोमालिया जैसा एक मुल्क है जहाँ कभी भी अराजकता फ़ैल सकती है, कभी भी कानून का राज खत्म हो सकता है और कभी भी गुण्डा तत्व प्रशासन ध्वस्त कर सकते हैं / यह फ़साद हमारे सामने सवाल खड़े कर रहा है और चेतावनी भी दे रहा है / आगे के लिये सचेत कर रहा है /
- अनुभूति तथा अभिव्यक्ति वेबपत्रिका और हाइकु पत्रिका ' हाइकु दर्पण' के तत्वावधान एवं कथाकार गज़लकार कमलेश भट्ट कमल के संयोंजन में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जहाँ हाइकु कविता के ध्वजावाहक तथा भारत के जापानी भाषा के पहले प्रोफेसर स्व० डॉ० सत्यभूषण वर्मा को उनकी ७५ वीं वर्षगाँठ के अवसर पर याद किया गया, वहीं हाइकु पर केन्द्रित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों युगाण्डा की अनिवासी भारतीय हाइकुकार डॉ० भावना कुँअर के पहले हाइकु संग्रह 'तारों की चूनर' तथा डॉ० अंजली देवधर के सम्पादन में प्रकाशित “विश्व भर से बच्चों के हाइकु हाइकु प्रवेशिका' का लोकार्पण भी किया गया।