माहेश्वर सूत्र sentence in Hindi
pronunciation: [ maaheshevr suter ]
Examples
- उदाहरण: अच् = प्रथम माहेश्वर सूत्र ‘अइउण्' के आदि वर्ण ‘अ' को चतुर्थ सूत्र ‘ऐऔच्' के अन्तिम वर्ण ‘च्' से योग कराने पर अच् प्रत्याहार बनता है।
- माहेश्वर सूत्र ” के नाम से जाना जाता है प्राप्त हु आ. “ न्रित्यावसाने नटराज राजः ननाद ढक्वाम नवपञ्च वारं. उद्धर्तु कामाद सनकादि सिद्धिः एतद्विमर्शे शिवसूत्र जालम. ”
- नियमों को बताने के पहले ही पाणिनि वैसी संज्ञाओं को परिभाषित कर देते हैं, यथा-माहेश्वर सूत्र-'”प्रत्याहार, इत्, टि, नदी, घु, पद, धातु, प्रत्यय, अङ्ग, निष्ठा इत्यादि।
- पुनः, विवेचन को अतिशय संक्षिप्त बनाने हेतु पाणिनि ने अपने पूर्ववर्ती वैयाकरणों से प्राप्त उपकरणों के साथ-साथ स्वयं भी अनेक उपकरणों का प्रयोग किया है जिनमे शिवसूत्र या माहेश्वर सूत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं।
- पुनः, विवेचन को अतिशय संक्षिप्त बनाने हेतु पाणिनि ने अपने पूर्ववर्ती वैयाकरणों से प्राप्त उपकरणों के साथ-साथ स्वयं भी अनेक उपकरणों का प्रयोग किया है जिनमे शिवसूत्र या माहेश्वर सूत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं।
- पुनः, विवेचन को अतिशय संक्षिप्त बनाने हेतु पाणिनि ने अपने पूर्ववर्ती वैयाकरणों से प्राप्त उपकरणों के साथ-साथ स्वयं भी अनेक उपकरणों का प्रयोग किया है जिनमे शिवसूत्र या माहेश्वर सूत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं।
- उदाहरण: अच् = प्रथम माहेश्वर सूत्र ‘ अइउण् ' के आदि वर्ण ‘ अ ' को चतुर्थ सूत्र ‘ ऐऔच् ' के अन्तिम वर्ण ‘ च् ' से योग कराने पर अच् प्रत्याहार बनता है।
- नियमों को बताने के पहले ही पाणिनि वैसी संज्ञाओं को परिभाषित कर देते हैं, यथा-माहेश्वर सूत्र-' प्रत्याहार, इत्, टि, नदी, घु, पद, धातु, प्रत्यय, अङ्ग, निष्ठा इत्यादि।
- तब भगवान शंकर ने महर्षि पाणिनी को “ शिवसूत्र या माहेश्वर सूत्र ” प्रदान किया. जिसकी व्याख्या ऋषिवर ने अपनी अद्वितीय पारलौकिक बौद्धिक क्षमता के आधार पर प्रस्तुत कर एक समग्र, पूर्ण एवं सुव्यवस्थित नियम-अनुशासनबद्ध भाववाही माध्यम मानव समुदाय को प्रदान किया जिसे “ गीर्वाण भारती ” या “ देववाणी ” के नाम से जाना गया.
- सारे वर्गांत (कवर्ग के अंत में ङ्, चवर्ग के अंत में ञ, टवर्ग के अंत में ण, तवर्ग के अंत में न, पवर्ग के अंत में म,) अक्षरों का उच्चारण जिसे “ माहेश्वर सूत्र में सातवें सूत्र ” ञमङ्णनम ” के नाम से जाना गया है, का उच्चारण नाक से होता है।