मर्दुमशुमारी sentence in Hindi
pronunciation: [ merdumeshumaari ]
"मर्दुमशुमारी" meaning in English
Examples
- की युक् त प्रांत की मर्दुमशुमारी की रिपोर्ट के प्रथम खण्ड के 65 वें पृष्ठ में इस तरह लिखा है:
- इस मर्दुमशुमारी का क्या मतलब था? मुझे लगा यह सरपरस्त की प्यार भरी फटकार नहीं, किसी पहुंचे हुए वकील की पहली चार्जशीट आयी है।
- लोग ज्यों हारे जुआरी हो चुकी मर्दुमशुमारी सुख न कोई मोल पाए खर्च करके रेजगारी गीत लेकर आ गए हैं अब किले उनके ढहेंगे जो सितम सा ढा गए हैं।
- एक आदमी है जो प्रतीक्षा करता है क़दमों और टेलीफोन की आवाज़ों की और शायद वही अपने दूसरे प्रतिरूप में मर्दुमशुमारी करता भटकता है और अपने अकेलेपन में एक कोलाहल बुनता है तो दूसरा अपना एकांत तामीर करता है।
- एक आदमी है जो प्रतीक्षा करता है क़दमों और टेलीफोन की आवाज़ों की और शायद वही अपने दूसरे प्रतिरूप में मर्दुमशुमारी करता भटकता है और अपने अकेलेपन में एक कोलाहल बुनता है तो दूसरा अपना एकांत तामीर करता है।
- सोलह से अठारह घंटे हाथ-तोडू, पैर-फोडू श्रम करने के बावजूद महिला श्रम को उत्पादक नहीं माना जाता! जब मर्दुमशुमारी हो रही थी तो सरकारी नज़र सिर्फ शहरी इलाके में कार्यरत महिला मजदूरों पर जा कर टिक गयी.
- यदि हम बौद्ध धर्म की स्थिति को संदिग्ध समझकर उसे छोड़ दें तो अब हिंदू जनसंख्या की दृष्टि से तीसरे नंबर पर है,, जबकि सन् १ ९ १ ० की ही मर्दुमशुमारी में हिसाब लगाकर देखा गया कि वे संसार भर की मुस्लिम आबादी से काफी अधिक थे।
- धर्मग्रंथों ने तो हमें बताया है कि एक क़यामत का दिन होगा, कोई जजमेंट-डे होगा, कोई महाप्रलय होगी, जिस दिन मुर्दे अपनी क़ब्रों से निकल आएंगे और आखि़री मर्दुमशुमारी होगी, सबके किए का हिसाब किया जाएगा, ठीक उसी समय आफ़्टरलाइफ़ के अलग-अलग दायित्व सौंपे जाएंगे, नई दिशाएं और नए गंतव्य बताए जाएंगे, जो निश्चित ही इस फ़ानी दुनिया से अलहदा होंगे।
- मर्दुमशुमारी बचपन से सुनते आ रहे हे, लेकिन उस समय इस का मतलब नही मालूम था, बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, लेकिन भारत मे सही मर्दुमशुमारी कभी नही हुयी, क्योकि हमारे यहां कोई सिस्टम ही नही हे, भिखारी, साधू ओर वो लोग जो घरो से दुर रहते हे उन की गिनती कहा हो पाती होगी
- मर्दुमशुमारी बचपन से सुनते आ रहे हे, लेकिन उस समय इस का मतलब नही मालूम था, बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, लेकिन भारत मे सही मर्दुमशुमारी कभी नही हुयी, क्योकि हमारे यहां कोई सिस्टम ही नही हे, भिखारी, साधू ओर वो लोग जो घरो से दुर रहते हे उन की गिनती कहा हो पाती होगी