भू लोक sentence in Hindi
pronunciation: [ bhu lok ]
Examples
- * भू लोक, अंतरिक्ष लोक और द्यु लोक तीन लोकों में सारा ब्रह्माण्ड है जो सीमा रहित सनातन, गतिमान और मायामय तीन गुणों की उर्जा से परिपूर्ण है ।
- भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहां फैला मनोहर गिरि हिमालय, और गंगाजल कहां संपूर्ण देशों से अधिक, किस देश का उत्कर्ष है उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है।
- इनका स्थान क्षीर सागर (परमेष्ठी लोक) के उस छोर पर माना गया है-तीरं क्षीर पयोधि … इसका अर्थ समझने के लिए स्वयं भू लोक पर दृष्टि डालनी चाहिए जहां आकाश तो है, किन्तु वायु नहीं है।
- हम कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी आओ विचारें आज मिल कर, यह समस्याएं सभी भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहां फैला मनोहर गिरि हिमालय, और गंगाजल कहां संपूर्ण देशों से अधिक, किस देश का उत्कर्ष है उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है
- ख्याल रखियेगा कहीं आपके पुण्य की गठरी इतनी भारी न हो जाये कि आप इसे उठाने में सक्षम ही न हों. खैर आप को इस बार की दीपावली जरुर रास आयेगी और आप जमकर राइफलों से धुएं उडायें और हो सके तो कुछ लोगों को भू लोक के जंजाल से मुक्त करायें ताकि धरती का बोझ कुछ कम हो सके.
- ओंकार की तीनों मात्राएँ ‘ अ ' ‘ उ ' ‘ म ' का पृथक या संयुक्त रूप मनन चिंतन एवं उच्चारण करने पर व्यक्ति दोनों ही विधि से चिर अमरता को पाता है इसकी एक मात्रा साधक को भू लोक का, द्विमात्रा साधक शशि लोक का त्रि मात्रा से साधक साम के पुण्य से दिव्य लोक का पुण्य देती है और ‘ ॐ ' का स्मरण करने वाला ब्रह्मलोक को ही प्राप्त करता है.
- हम कौन थे, क्या हो गये हैं, और क्या होंगे अभी आओ विचारें आज मिल कर, यह समस्याएं सभी भू लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहां फैला मनोहर गिरि हिमालय, और गंगाजल कहां संपूर्ण देशों से अधिक, किस देश का उत्कर्ष है उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है (आर्य) मैथिली जी की भाषा निरंतर विकास की ओर अग्रसर होती दिखाई देती है.
- ' ' नारायण नारायण '' बोलते हुए नारद मुनि जी अपने प्रभु श्री हरि को खोजते खोजते पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगा कर भू लोक में आ विराजे, लेकिन उन्हें श्री हरि कहीं भी दिखाई नही दिए, '' पता नहीं प्रभु कहाँ चले गए, अंतर्ध्यान हो के कहाँ गायब हो गए मेरे प्रभु '' यह सोच सोच कर बेचारे नारद मुनि जी परेशान हो रहे थे | उन्होंने श्री हरि को इस धरती के कोने कोने में जा करके कहाँ कहाँ नही ढूंढा,.