बेग़ैरत sentence in Hindi
pronunciation: [ baeairet ]
"बेग़ैरत" meaning in English "बेग़ैरत" meaning in Hindi
Examples
- रुबाइयाँ.... बेग़ैरत ज़िन्दगी हिस्सा है खिज़िर का इसे झटके क्यों हो, आगे भी बढ़ो राह में अटके क्यों हो, टपको कि बहुत तुमने बहारें देखीं, पक कर भी अभी शाख में लटके क्यों हो.....
- -आजकल हम भाषा की शालीनता पर आलेख लिख रहे हैं, इसी शृंखला में दूसरे गुटों के बदतमीज़, बेहया, बेशर्म, बेग़ैरत, नालायक, नामाकूल, नामुराद ब्लॉगर की शान में मेरा विनम्र आलेख पढिये।
- लगता है कि ये सब अलग अलग मुल्कों के लोग हैं जो अलग अलग धर्मों को मानते हैं लेकिन हक़ीक़त यह है कि इन सब बेग़ैरत और बेज़मीर लोगों का ईमान-धर्म और ख़ुदा एक है और वह है सिर्फ पैसा।
- जी में आता है झिंझोड़ कर पूछूँ इनसे मैं कि क्यूँ हो गयी हो इतनी सख़्त और बेग़ैरत पर जानती हूँ सुनके ये और भी खिलखिलायेंगी ये भी ना किया तो गुस्से से भरभरा के ढह जायेंगी जिसने इन्हें बनाया ज़ालिम चोटिल उसे ही कर जायेंगी
- जैसे ग़लती उससे नहीं, हमसे हुई थी कि सुख-से बेग़ैरत से कभी दिल लगाया था! मगर भुलना कहां हो पाता है? और दुष् ट सुख भी हमेशा-हमेशा के लिए गायब हो जाऊंगा, ऐसे क़रारनामे पर दस् तख़त करके कहां जाता है?..
- चुपचाप, कविता रहती वहीं कहीं, उसी हवा, झरती झरती, जैसे ओसनहायी रात उड़ी जाये गरीब की फटी चादर, किसी दूसरे मुल्क छूट आया हो-सा अपने ही बचपन की वह बेग़ैरत याद, टूटे दिल के कितने तो बेमतलब, बेमुरव्वत क़िस्से, उन्हीं पहचाने पेड़ों, दीवारों पर सिर गिराती, एक हुमस में उमगकर एक बार फिर बिखरती झरती, झरती जाती.
- जिसमें एक तरफ़ अपनी “ ाहादत और क़ुरबानी के ज़रिये कामयाबी का एलान है और दूसरी तरफ़ इस बेग़ैरत क़ौम से जुदाई की मसर्रत का इज़हार भी पाया जाता है के इन्सान ऐसी क़ौम से निजात हासिल कर ले और इस अन्दाज़े से हासिल कर ले के इसपर कोई इल्ज़ाम नहीं हो बल्कि मारकए हयात में कामयाब रहे।-)))
- फिर ठठाकर हँसते हैं, अच्छा तस्मई और तासीर बेग़ैरत बेवफा बे नियाज़ पीछे मेंहदी हसन गुनगुनाते हैं,नमक घुली तासीर नावक-अंदाज़ जिधर दीदा-ए-जानाँ होंगे नीम-बिस्मिल कई होंगे कई बे-जाँ होंगे आवाज़ की नमक घुल जाती है, त्वचा की? आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे तीरे नज़र देखेंगे, ज़ख्मे जिगर देखेंगे
- फिर ठठाकर हँसते हैं, अच्छा तस्मई और तासीर बेग़ैरत बेवफा बे नियाज़ पीछे मेंहदी हसन गुनगुनाते हैं,नमक घुली तासीर नावक-अंदाज़ जिधर दीदा-ए-जानाँ होंगे नीम-बिस्मिल कई होंगे कई बे-जाँ होंगे आवाज़ की नमक घुल जाती है, त्वचा की? आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे तीरे नज़र देखेंगे, ज़ख्मे जिगर देखेंगे तस्मे का एक रेशा फँसा है, एक केसर का ।
- फिर ठठाकर हँसते हैं, अच्छा तस्मई और तासीर बेग़ैरत बेवफा बे नियाज़ पीछे मेंहदी हसन गुनगुनाते हैं,नमक घुली तासीर नावक-अंदाज़ जिधर दीदा-ए-जानाँ होंगे नीम-बिस्मिल कई होंगे कई बे-जाँ होंगे आवाज़ की नमक घुल जाती है, त्वचा की? आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे तीरे नज़र देखेंगे, ज़ख्मे जिगर देखेंगे तस्मे का एक रेशा फँसा है, एक केसर का ।