प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम sentence in Hindi
pronunciation: [ perthem bhaaretiy sevtentertaa sengaraam ]
Examples
- १८५७ के इस प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन को पूरी तरह दबाने के बाद अंग्रेजों ने बहादुरशाह ज़फ़र को रंगून भेज दिया तथा भारत पूरी तरह से अंग्रेजो के अधीन हो गईल।
- १ ८ ५ ७ के इस प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन को पूरी तरह दबाने के बाद अंग्रेजों ने बहादुरशाह ज़फ़र को रंगून भेज दिया तथा भारत पूरी तरह से अंग्रेजो के अधीन हो गया।
- प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रथम सेनानी मंगल पाण्डेय सन 1849 में 22 वर्ष की उम्र में ईस्ट इंडिया कम्पनी की बेंगाल नेटिव इंफ़ैंट्री की 34वीं रेजीमेंट में सिपाही (बैच नम्बर 1446) भर्ती हो गये थे।
- प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रथम सेनानी मंगल पाण्डेय सन 1849 में 22 वर्ष की उम्र में ईस्ट इंडिया कम्पनी की बेंगाल नेटिव इंफ़ैंट्री की 34 वीं रेजीमेंट में सिपाही (बैच नम्बर 1446) भर्ती हो गये थे।
- मंगल पाण्डेय, (जन्म: १९ जुलाई १८२७-मृत्यु: ८ अप्रैल १८५७), (बांग्ला:মঙ্গল পান্ডে, अंग्रेजी: Mangal Pandey, कन्नड़: ಮಂಗಲ್ ಪಾಂಡೆ, मलयालम: മംഗൽ പാണ്ഡേ, मराठी: मंगल पांडे, तमिल: மங்கள் பாண்டே, तेलुगू: మంగళ్ పాండే) सन् १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत थे।
- ये पारीछत महाराज बुन्देल केशरी छत्रसाल के वंश में हुए, जैतपुर के महाराजा के रुप में इन्होंने सन् १ ८ ५ ७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम से बहुत पहले विदेशी शासकों से लोहा लेते हुये सराहनीय राष्ट्भक्ति का परिचय दिया।
- सन् १ ८ ५ ७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत वीरवर मंगल पांडे का जन्म १ ९ जुलाई सन् १ ८ २ ७ को वर्तमान उत्तर प्रदेश, जो उन दिनों संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के नाम से जाना जाता था, के बलिया जिले में स्थित नागवा गाँव में हुआ था ।
- रानी लक्ष्मीबाई (जन्म: 19 नवम्बर 1835[1]-मृत्यु: 17 जून 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से संग्राम किया और रणक्षेत्र में वीरगति प्राप्त की किन्तु जीते जी अंग्रेजों को अपनी झाँसी पर कब्जा नहीं करने दिया।
- रानी लक्ष्मीबाई (जन्म: 19 नवम्बर 1835 [1]-मृत्यु: 17 जून 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से संग्राम किया और रणक्षेत्र में वीरगति प्राप्त की किन्तु जीते जी अंग्रेजों को अपनी झाँसी पर कब्जा नहीं करने दिया।
- यह भी एक ऐतिहासिक संयोग है कि सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की महान योद्धा झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की शहादत भी महज तेईस साल की उम्र में हुई और इस घटना के करीब चौहत्तर साल बाद जब सन 1931 में भगत सिंह वतन की आज़ादी के लिए फांसी के फंदे पर अपने जीवन की आहुति दे रहे थे, तब उनकी उम्र भी करीब-करीब उतनी ही थी.