परेशनाथ sentence in Hindi
pronunciation: [ pereshenaath ]
Examples
- एक सप्ताह के अंदर वहां से परेशनाथ का पत्र आ गया. लेकिन इस मध्य मेरे हितैषी मित्र डॉ. रत्नलाल शर्मा ने वहां का जो खाका खींचा था वह बेहद भयावह था.
- समारोह के मुख्य अतिथि और इलना के राष्ट्रीय अध्यक्ष परेशनाथ ने कहा कि आने वाले दिनों में भारतीय भाषाई समाचार पत्रों की एक न्यूज एजेंसी बनायी जानी चाहिए जिससे अन्य न्यूज एजेंसियों से समाचार लेने की जरूरत न पड़े।
- दक्षिणेश्वर काली मंदिर · कालीघाट मंदिर · बिरला मंदिर · बेलूर मठ · भूतनाथ · टीपू सुल्तान मस्जिद · नाखोडा मस्जिद · सेंट पॉल कैथेड्रल · सेंट जॉन चर्च · पारसी अग्नि मंदिरें · जापानी बौद्ध मंदिर · परेशनाथ जैन मंदिर
- : मेरठ में आयोजित समारोह में परेशनाथ ने की घोषणा: मेरठ: आरकेवी फाउंडेशन साप्ताहिक समाचार पत्र एसोसिएशन, सांध्य दैनिक संपादक परिषद व इलना द्वारा स्थानीय पीपीपी कांफ्रेंस हाल आबूलेन मेरठ कैन्ट में गत दिनों एक गौरवमयी समारोह का आयोजन किया गया।
- इसी प्रकार वरिष्ठ वर्ग में पहला स्थान पाने वाले श्री गिरीश चन्द्रपाल को दस हजार, द्वितीय स्थान पाने वाले डॉक्टर परेशनाथ पाल को नौ हजार और तृतीय स्थान पाने वाले श्री जितेन्द्र तिवारी को आठ हजार रूपए की नगद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
- इसी प्रकार वरिष्ठ वर्ग में पहला स्थान पाने वाले श्री गिरीश चन्द्रपाल को दस हजार, द्वितीय स्थान पाने वाले डॉक्टर परेशनाथ पाल को नौ हजार और तृतीय स्थान पाने वाले श्री जितेन्द्र तिवारी को आठ हजार रूपए की नगद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
- इलना की कार्यकारिणी की बैठक: इससे पूर्व श्री परेशनाथ जी की अध्यक्षता और रवि कुमार के संचालन व श्री प्रकाश पोहरे, श्री विवेक गुप्ता, श्री चन्द्र कांत भावे, केसी विश्नोई, संजय गुप्ता, गिरीश अग्रवाल, अशोक नवरत्न, डा.
- विश्वनाथ जी की जब अपनी ऊर्जा चुक सी गई और संपादकीय बाग़डोर उन के पुत्र परेशनाथ के हाथों आई तो नए युग के लिए नई पहचान वाली जो इंग्लिश पत्रिका Woman ' s Era शुरू की थी, और विश्वनाथ जी की ही देखरेख मेँ जिस का हिंदी संस्करण गृहशोभा निकाला गया था, उसे परेशनाथ लगातार परिवर्तनशील सामयिक रूप देते रहे हैँ.
- विश्वनाथ जी की जब अपनी ऊर्जा चुक सी गई और संपादकीय बाग़डोर उन के पुत्र परेशनाथ के हाथों आई तो नए युग के लिए नई पहचान वाली जो इंग्लिश पत्रिका Woman ' s Era शुरू की थी, और विश्वनाथ जी की ही देखरेख मेँ जिस का हिंदी संस्करण गृहशोभा निकाला गया था, उसे परेशनाथ लगातार परिवर्तनशील सामयिक रूप देते रहे हैँ.
- : घरेलू माहौल में परेशनाथ ने अपने को अध् यक्ष मनवाया: जैसा कि भड़ास 4 मीडिया को भेजी गई अपनी पोस् ट ' अखबार मालिकों की राजनीति और उनका ओछापन ' में एक वरिष् ठ पत्रकार ने शंका जाहिर की थी, वैसा ही इलना 2 की दिल् ली के इंडिया इस् लामिक सेंटर में हुई सो काल् ड बैठक में हुआ भी.