दुर्गा भवानी sentence in Hindi
pronunciation: [ duregaaa bhevaani ]
Examples
- अत: इस प्रकार से सुरक्षित तथा सुसज्जित, इस मनोदुर्ग में, आप निवास करें, चूँकि आप दुर्गातिप्रिय देव हैं, दुर्ग है अति प्रिय जिनको ऐसे देव महादेव हैं, इसलिए दुर्ग पसन्द करने वाले को मनोदुर्ग में ही रहना उचित है, अथवा दुर्गा भवानी के अतिप्रिय होने से भी, मनो दुर्ग में रहना कोई अनुचित नहीं है।
- ईश्वर की कृपा, भगवान धनवन्तरि देव के आशिर्वाद और माता दुर्गा भवानी की अनुकम्पा से आज दिनान्क २६ सितम्बर २००९ को कई वर्षों से लम्बित आयुर्वेद चिकित्सा विग्यान के लिये नवीन आविष्कृत रोगों के निदान ग्यान और आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्तों को साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत करने वाली तकनीक इलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राफी ई०टी०जी० मशीन का निर्माण [...]
- बात प्रेम वाली सभी को सुहाती है, किंतु जब रक्त वाली आँधी आती है, तब उसी प्रेम की सुरक्षा के लिए, रणचण्डी दुर्गा भवानी आती है, प्रेम तो है उड़ते परिंदों के लिए, प्रेम नहीं वहशी दरिंदों के लिए, गोलियों से देना उन्हें भून चाहिए, हमको आतंकियों का खून चाहिए,
- ईश्वर की कृपा, भगवान धनवन्तरि देव के आशिर्वाद और माता दुर्गा भवानी की अनुकम्पा से आज दिनान्क २६ सितम्बर २००९ को कई वर्षों से लम्बित आयुर्वेद चिकित्सा विग्यान के लिये नवीन आविष्कृत रोगों के निदान ग्यान और आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्तों को साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत करने वाली तकनीक इलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राफी ई०टी०जी० मशीन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है ।
- अत: इस प्रकार से सुरक्षित तथा सुसज्जित, इस मनोदुर्ग में, आप निवास करें, चूँकि आप दुर्गातिप्रिय देव हैं, दुर्ग है अति प्रिय जिनको ऐसे देव महादेव हैं, इसलिए दुर्ग पसन्द करने वाले को मनोदुर्ग में ही रहना उचित है, अथवा दुर्गा भवानी के अतिप्रिय होने से भी, मनो दुर्ग में रहना कोई अनुचित नहीं है।
- ईश्वर की कृपा, भगवान धनवन्तरि देव के आशिर्वाद और माता दुर्गा भवानी की अनुकम्पा से आज दिनान्क २ ६ सितम्बर २ ०० ९ को कई वर्षों से लम्बित आयुर्वेद चिकित्सा विग्यान के लिये नवीन आविष्कृत रोगों के निदान ग्यान और आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्तों को साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत करने वाली तकनीक इलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राफी ई ० टी ० जी ० मशीन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है ।
- मुक्तसर-!-जय मां काली दुर्गा भवानी मंदिर तिलक नगर द्वारा इस बार भी दूसरी विशाल यात्रा माता चिंतपूर्णी, \\\ 'वाला जी, कांगड़ा जी, चामुंडा जी तथा बगलामुखी के लिए 2 बसों का जत्था रवाना किया गया। यह यात्रा माता सुभाष देवी जी की अगुवाई में माता के जय कारों के साथ रवाना की गई। यह जत्था सभी इन सभी धार्मिक स्थलों के दर्शनों के बाद रविवार को श्री मुक्तसर साहिब वापिस पहुंचेगी। इस अवसर पर लाभ चंद चुघ, इन्द्रजीत बांसल, पवन छाबड़ा, अश्वनी दाबढ़ा, मालाराम राजीव सेतिया भी मौजूद थे। ((जसकरन))