त्रावणकोर राज्य sentence in Hindi
pronunciation: [ teraavenkor raajey ]
Examples
- [181] उत्तर में कलकत्ता से और दक्षिण में त्रावणकोर राज्य से मद्रास को जोड़ने वाली सड़कों का मुख्य उद्देश्य युद्धों के दौरान संचार की लाइनों के रूप में सेवाएं प्रदान करना था.
- दो पूर्व त्रावणकोर राज्य सेना प्रभाग, प्रथम त्रावणकोर नायर इन्फैंट्री और द्वितीय त्रावणकोर नायर इन्फैंट्री को आजादी के बाद मद्रास रेजिमेंट के क्रमशः 9वें और 16वें बटालियन के रूप में परिवर्तित किया गया.
- दो पूर्व त्रावणकोर राज्य सेना प्रभाग, प्रथम त्रावणकोर नायर इन्फैंट्री और द्वितीय त्रावणकोर नायर इन्फैंट्री को आजादी के बाद मद्रास रेजिमेंट के क्रमशः 9वें और 16वें बटालियन के रूप में परिवर्तित किया गया.
- [181] उत्तर में कलकत्ता से और दक्षिण में त्रावणकोर राज्य से मद्रास को जोड़ने वाली सड़कों का मुख्य उद्देश्य युद्धों के दौरान संचार की लाइनों के रूप में सेवाएं प्रदान करना था.
- प्रारंभिक चर्च में बनाया गया था 1873 पैरिश चर्च के रूप में कुछ कैथोलिक सैन्य पुरुषों और कुछ कैथोलिक परिवारों, जो मुख्य रूप से तत्कालीन त्रावणकोर राज्य के तटीय क्षेत्र से चले गए के आध्यात्मिक आवश्यकताओं के बाद देखने के लिए, वर्तमान कन्याकुमारी और त्रिवेंद्रम जिले शामिल.
- इसके अलावा, त्रावणकोर राज्य मैनुअल में उल्लेख है कि केरल में नाग की पूजा करने वाले नागा ज़रूर मौजूद थे जिन्होंने समझौता होने तक नंबूद्रियों के साथ लड़ाई की. नायरों को इंडो-स्काइथियन (शक) मूल के रूप में वर्गीकृत किया गया है और साथ ही नागाओं के साथ उन्हें जोड़ा गया है.
- इसके अलावा, त्रावणकोर राज्य मैनुअल में उल्लेख है कि केरल में नाग की पूजा करने वाले नागा ज़रूर मौजूद थे जिन्होंने समझौता होने तक नंबूद्रियों के साथ लड़ाई की. नायरों को इंडो-स्काइथियन (शक) मूल के रूप में वर्गीकृत किया गया है और साथ ही नागाओं के साथ उन्हें जोड़ा गया है.
- सकारात्मक परिणाम आता न देख एझावाओं ने हिन्दू समाज का गुलाम बने रहने के बजाय सामूहिक रूप से धर्मांतरण की धमकी दी. दीवान सर सी. पी. रामस्वामी अय्यर ने आसन्न खतरे को महसूस किया, उन्होंने महाराजा को मंदिर प्रवेश की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया, जिससे त्रावणकोर राज्य के हिन्दू मंदिरों में निचली जाति के लोगों के प्रवेश पर लगा प्रतिबन्ध हटा दिया गया.[52]
- सकारात्मक परिणाम आता न देख एझावाओं ने हिन्दू समाज का गुलाम बने रहने के बजाय सामूहिक रूप से धर्मांतरण की धमकी दी. दीवान सर सी. पी. रामस्वामी अय्यर ने आसन्न खतरे को महसूस किया, उन्होंने महाराजा को मंदिर प्रवेश की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया, जिससे त्रावणकोर राज्य के हिन्दू मंदिरों में निचली जाति के लोगों के प्रवेश पर लगा प्रतिबन्ध हटा दिया गया.
- 12 वी शताब्दी से त्रावणकोर का हर शासक स्वयं को महाराजा नहीं बल्कि श्री पद्मनाभ दास यानि भगवान पद्मनाभ का सेवक बताया आया हैं वे इसी रूप में मंदिर का प्रशासन संभालने और खज़ानों की रक्षा कराते आए हैं त्रावणकोर राज्य इस मामलेन मे सौभाग्यशाली रहा हैं की 8 वी सदी में वेनाड राज्य की स्थापना के बाद उसने किसी भी हमलावर के सामने घुटने नहीं टेके हैं ।