तपेश्वरी sentence in Hindi
pronunciation: [ tepeshevri ]
Examples
- तपेश्वरी ने डरते-डरते कहा-आखिर, आधा हिस्सा तो प्रभुदास का भी है?
- तपेश्वरी-तो कब? 'रुपये हाथ में आने दो ।' 'तो यह क्यों नही कहते किभेजना ही नहीं चाहते?' भेजना चाहता हूँ किन्तु अभी हाथ खाली हैं।
- औद्योगिक नगरी कानपुर में तपेश्वरी देवी, काली मठिया, बुद्धा देवी, बारादेवी तथा जंगली देवी समेत तमाम मंदिरों में दर्शनार्थियों के लिये विशेष इंतजाम किये गये हैं.
- तपेश्वरी ने डरते-डरते कहा-आखिर, आधा हिस्सा तो प्रभुदास का भी है?बाबू साहब तिरस्कार करते हुए बोले-आधा नही, उसमें मै अपना सर्वस्व दे देता, जब उससे कुछ आशा होती, वह खानदान की मर्यादा मै और ऐश्वर्य बढाता और इस लगाये।
- * _____ किसी ज़माने में एक ब्राम्हण परिवार के मुखिया जानकी बाबा थे! जिनके दो पुत्र थे! रामलखन और रामलगन! विधुर रामलखन की संतान सिर्फ दो बेटियाँ थी, पहली-मुनेश्वरी, दूसरी कुंता ; कोई पुत्र नहीं! जबकि रामलगन के दो पुत्र और एक पुत्री थे! बड़ा शिव, मंझली बहन तपेश्वरी, और बिलकुल नन्हा-सा राम! राम के जन्म (ई.
- यह तैयार करने वालों में चरन सिंह यादव, सुनील यादव व हरदयाल उर्फ वीरू यादव पुत्रगण किशन सिंह यादव, पंकज यादव व नीरज यादव पुत्रगण चरन सिंह निवासी गांव खितौरा जिला इटावा, अनिल ठाकुर पुत्र चेत नारायण सिंह, विजय प्रकाश श्रीवास्तव पुत्र तपेश्वरी श्रीवास्तव, राम किशन यादव उर्फ दद्दू निवासी सलेमपुर, भवाका जिला लखनऊ, सभी हाल निवासी जय गुरुदेव आश्रम के निकट थाना हाईवे और अन्य अज्ञात व्यक्ति हैं।
- सन १ ९ २ १) के एक साल के भीतर ही रामलगन और उनकी पत्नी का आकस्मिक निधन हो गया! किसी असाध्य बिमारी ने उन्हें काल कवलित कर लिया था! शिव नौजजावन था, तपेश्वरी किशोरी थी जबकि अभी राम को माँ के दूध की नितांत आवश्यकता थी! संभवतः राम ने अपनी माँ का, अपने लिए पर्याप्त, दूध पी लिया था, सो अपना कर्तव्य पूरा कर उसकी माँ शीघ्र ही ब्रम्हलीन हो गई थी!
- उसने एक पल के लिए स्थिर निगाह से अपने लड़के की तरफ देखा, फिर उसकी नजर वापस उसी अलमारी पर गयी | वहाँ एक और तस्वीर भी रखी थी, उस तस्वीर में वही बुढिया और वही आदमी थे बस साथ में एक बच्चा और था जिसे उस औरत ने गोद में उठा रखा था | बैकग्राउंड में कानपुर का प्रसिद्द तपेश्वरी मंदिर दिख रहा था | वो लोग हर नवरात्रि वहाँ माँ के दर्शन करने और मेला घूमने जाते थे |
- यहीं से बाबुजी रेलवे भर्ती बोर्ड, ईलाहाबाद गये थे, जहाँ से लौटने के क्रम में पंडित मदनमोहन मालवीय जी के दर्शनार्थ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय होकर लौटते समय आरा स्टेशन पर अपना सर्वस्व लुटा बैठे-दुभिक्षावस्था-में राय साहब बलदेव बाबु की शरण में आये! धनडीहाँ उनका जाना माना देखा सुना गाँव था, जहाँ उनकी बहन तपेश्वरी का ससुराल था, जहाँ तेजवंती की छोटी बहन शांति (हमारी शांति मौसी) ब्याही गई थी, का ससुराल था!!