ठाकुर प्यारेलाल सिंह sentence in Hindi
pronunciation: [ thaakur peyaaraal sinh ]
Examples
- रमन सिंह जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक परिसर में लगी सहकारिता पुरुष ठाकुर प्यारेलाल सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके बैंक परिसर में ही रुद्राक्ष और चंदन के पौधों का रोपण किया ।
- छत्तीसगढ़ के तीन महापुरूष गुरू गोसाई महात्मा घासीदास, कर्मयोगी पंडित सुंदरलान शर्मा, न्यायमूर्ति ठाकुर प्यारेलाल सिंह मन जेन छत्तीसगढ़ निरमान के दिसा देय हें, तेमा चलके छत्तीसगढ़ म नवा सुरूज ल ला सकथें ।
- इस क्षेत्र के नेताओं में पण्डित रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, मौलाना अब्दुल रऊफ़, महन्त लक्ष्मी नारायण दास, वामन बलीराम लाखे, माधवराव सप्रे, रामदयाल तिवारी, सुन्दरलाल शर्मा प्रमुख थे।
- रायपुर के विधायक ठाकुर प्यारेलाल सिंह ने मध्य प्रदेश की विधान सभा में बस्तर के सन्दर्भ में एक नीतिगत सरकारी वक्तव्य की मांग की थी जिसे केवल उपेक्षित कर टाल देने की साज़िश की गई थी.
- रायपुर के विधायक ठाकुर प्यारेलाल सिंह ने मध्य प्रदेश की विधान सभा में बस्तर के सन्दर्भ में एक नीतिगत सरकारी वक्तव्य की मांग की थी जिसे केवल उपेक्षित कर टाल देने की साज़िश की गई थी.
- 1924 में महंत लक्ष्मीनारायण दास, बालचंद व यतियतन दास, शिवदास डागा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, पंडित रविशंकर शुक्ल और लक्ष्मणराव उद्गीरकर (सभी जानेमाने समाजसेवी व स्वतंत्रता सेनानी) ने मिलकर हिंदु अनाथालय की स्थापना की जिसके लिए बालचंद ने अपनी पांच एकड़ जमीन दी।
- महिला उत्थान के क्षेत्र में समता मंच राजनांदगांव को मिनी माता सम्मान, जिला धमतरी के ग्राम नवागांव (थूहा) निवासी श्री जीवराखन दास धृतलहरे को सामाजिक चेतना और सामाजिक न्याय के लिए गुरू घासीदास सम्मान तथा सहकारिता के क्षेत्र में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजनांदगांव को ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान से विभूषित किया गया।
- सन् 1952 में जयप्रकाश नारायण के समाजवादी पार्टी एवं आचार्य कृपलानी के “किसान मजदुर प्रजा पार्टी” को मिलाकर “प्रजा शोसलिस्ट पार्टी” प्रसोपा (झोपड़ी छाप) के बैनर तले पुन: धरसीवां विधानसभा से निर्वाचित घोषित किये गयें सन् 1954 में ठाकुर प्यारेलाल सिंह के निधन के पश्चात छत्तीसगढ़ में समाजवादी आंदोलन एवं प्रसोपा का कमान डॉ. खूबचंद बघेल के हाथों सौंपा गया।
- इनके अलावा राज्य के आदिवासी अंचल सरगुजा में शराब बंदी, भूदान आंदोलन, महिला शिक्षा के अपने रचनात्मक अभियानों के लिए मार्च १ ९ ८ ९ में पद्मश्री सम्मान प्राप्त स्वर्गीय श्रीमती राजमोहिनी देवी, राज्य के प्रथम श्रमिक नेता, सहकारिता आंदोलन के प्रमुख आधार स्तम्भ, स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार स्वर्गीय ठाकुर प्यारेलाल सिंह और वनवासी बहुल बस्तर के लोक-जीवन में तल्लीनता से साहित्य साधना में लगे वयोवृद्ध कवि लाला जगदलपुरी के यशस्वी जीवन के विविध पहलुओं पर प्रेरणादायक आलेखों से भी किताब की रौनक और ज्यादा बढ़ गयी है.