ठंडा गोश्त sentence in Hindi
pronunciation: [ thendaa gaoshet ]
Examples
- ठंडा गोश्त ' कहानी उस परिस्थिति, वातावरण और घटना के प्रति घृणा पैदा करती है और यह अहसास जगाती है कि दंगे कितने वीभत्स और निकृष्ट मानसिकता की ओर धकेलते हैं।
- विभाजन पर उनकी कई मास्टरपीस कहानियों में से टोबा टेक सिंह, ठंडा गोश्त और खोल दो ऐसी रचनाएं हैं जो लाखों लोगों को एक मनोवैज्ञानिक नो मैन्स लैंड में जमा हुआ छोड़ देती हैं।
- विभाजन पर उनकी कई मास्टरपीस कहानियों में से टोबा टेक सिंह, ठंडा गोश्त और खोल दो ऐसी रचनाएं हैं जो लाखों लोगों को एक मनोवैज्ञानिक नो मैन्स लैंड में जमा हुआ छोड़ देती हैं।
- ठंडा गोश्त ' के बारे में हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ जो फैसला दिया है, उसके बाद तो इस कमबख्त को खुद-ब-खुद मर जाना चाहिए था-मेरा मतलब है खुदकुशी कर लेनी चाहिए थी।
- ठंडा गोश्त ' का फैसला करते हुए साफ तौर पर कह दिया है कि कानून को मुसन्निफ की नीयत से कोई वास्ता नहीं, वह नेक हो या बद, कानून को तो सिर्फ यह देखना है कि मेलान क्या है।
- सातवीं एक लड़की थी जिसे कंधे पर उठाकर वह बलात्कार की नीयत से थोहर की झाडियों के पास लिटा देता है, लेकिन वह कुछ कर नहीं पाता क्योंकि लड़की मारे दहशत के पहले ही मर कर ठंडा गोश्त बन चुकी थी।
- जिनमें कहानी ' बू ', ' काली शलवार ', ' ऊपर-नीचे ', ' दरमियाँ ', ' ठंडा गोश्त ', ' धुआँ ' पर लंबे मुकदमे चले. हालाँकि इन मुकदमों से मंटो मानसिक रूप से परेशान ज़रूर हुए लेकिन उनके तेवर ज्यों के त्यों थे.
- पढ़ने वालों को अपने अफसानों से चौंकाने के नायाब फन के मालिक मंटो ने उर्दू अदब को ‘ ठंडा गोश्त ', ‘ नंगी आवाजें ', ‘ खोल दो ' और ‘ काली शलवार ', जैसी महान कृतियां दीं, लेकिन जब वे लिखी गईं तो उन्हें महज ‘ अश्लीलता ' परोसते दस्तावेज के अलावा और कुछ नहीं कहा गया।
- मन्टो की पांच कहानियों काली सलवार, बू, ठंडा गोश्त, धुआं, खोल दो तथा ऊपर-नीचे और दरम्यान पर इसलिये मुकदमे चलाये गये क्योंकि उन्होंने औरत बन कर पैदा होने के पाप की दिल हिला देने वाली गाथा काली तख्ती पर सफेद स्याही से लिखी, जो धर्म और समाज द्वारा सदियों से तय किये जा रहे मापदंडों पर बड़ा अश्लील पायी गयी।
- मंटो ने बेशक स्त्री के वक्षों पर ‘ फाहा ‘ जैसी दिलचस्प और मासूमियत से भरी कहानी लिखी, जो पवन करण और अनामिका की रचनाओं से कहीं बेहतर थीं, मगर यह भी सच है कि उनकी कुछ अन्य कहानियों (ठंडा गोश्त, नंगी आवाजें, बू, पढ़िए कलमा) में अश्लील ब्यौरे कथानक की निर्विवाद श्रेष्ठता के बावजूद पाठ में खलते हैं।