टंकारा sentence in Hindi
pronunciation: [ tenkaaraa ]
Examples
- धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले 19 वीं शताब्दी के भारतियों में महर्षि दयानन्द सबसे अग्रणी थे | उनका जन्म भारत के सौराष् ट्र प्रान्त के टंकारा नामक ग्राम में 1824 ई.
- दयानंद सरस्वती का जन्म १ २ फरवरी, टंकारा में सन् १ ८ २ ४ में मोरबी (मुम्बई की मोरवी रियासत) के पास कठियावाद क्षेत्र (जिला राजकोट), गुजरात में हुआ था।
- वैदिक कालीन श्रावणी पर्व पर पर परानुसार टंकारा गुजरात के यातनाम वेद मनीषी आचार्य प्रभा मित्र 22 अगस्त से मर्हिषी दयानंद मार्ग गंज स्थित आर्य समाज मंदिर में वेद प्रचार सप्ताह के दौरान वेद विषयक व्या यान देंगे।
- स्वामीजी का जन्म श्री करशंजी लालजी व देवी माँ यशोदाबाई की संतान के रूप में 27-फ़रवरी-1824 को काठियावाड़ (गुजरात) के गाँव टंकारा में हुआ था! उनका परिवार समृद्ध व धर्मनिष्ठ ब्रह्मण परिवार था!
- राजेश जोशी के चार कविता-संग्रह-एक दिन बोलेंगे पेड़, मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी और दो पंक्तियों के बीच, दो कहानी संग्रह-सोमवार और अन्य कहानियाँ, कपिल का पेड़, तीन नाटक-जादू जंगल, अच्छे आदमी, टंकारा का गाना।
- राजेश जोशी के चार कविता-संग्रह-एक दिन बोलेंगे पेड़, मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी और दो पंक्तियों के बीच, दो कहानी संग्रह-सोमवार और अन्य कहानियाँ, कपिल का पेड़, तीन नाटक-जादू जंगल, अच्छे आदमी, टंकारा का गाना।
- आर्य वीर दल, राजस्थान के अधिष्ठाता संचालक एवं आर्य समाज, पाबुपूरा के प्रधान भंवरलाल आर्य ने बताया कि भारत में सबसे पहले इस तरह की यज्ञशाला महषर्ि दयानंद की जन्म स्थली गुजरात के टंकारा गांव, यूपी के चोटीपुरा शहर के महषर्ि दयानंद कन्या गुरुकुल एवं हरिद्वार में बनने के बाद राजस्थान में यह पहली यज्ञशाला बन रही है।
- युवा चरित्र निर्माण शिविर नयी पीढ़ी को ईश्वर भक्त देशभक्त, संस्कारवाँ, चरित्रवा न्, राष्ट्रीय भावना, अनुशाशित जी वन, नैतिक सिक्षा तथा युवा पीढ़ ी को महर्षि डायानंद की विचार धारा से ओतप्रोत करने तथा सरिरि क वा बौढ़ीक रूप से साकसां बना ने का संकर्प आर्या समाज जामनगर तथा नवसार्जन उत्तर बु नियादी विधयालय नघुना के सयुक्त तत्वाधान मे दिनाक २७,२८,२९-०९-२००८ तीन दिन और २९-०९-२००८ को सम्पन हुवा जिसमे गुरुकुल आश्रम टंकारा से आए हुए उकचा कोटि के व्यामच
- फिर खुदा ने दी आवाज अल्लाह ने पुकारा शिव का डमरु डोला विष्णु ने किया शंखनाद डोल गया ब्रहमांड हर-हर महादेव का टंकारा बोलो-बोलो क्या तुम्हे है भारत देश से प्यार मैं भूखा गरीब कैसे करूं देश से प्यार कपड़ा हो तन पर और पेट मे रोटी तो ही कर सकता हूँ इजहार लाचारी बेचारी और उस पर हावी है भ्रष्टाचार ना करना चाहूँ तो भी गलत काम करने को हो जाता हूँ तैयार कागज की सच्चाई हकीकत को दबा देती है यही मजबूरी हमें खून के आँसू रूला देती है ऐसे मे कैसे करूँ देश से प्यार