घोर अव्यवस्था sentence in Hindi
pronunciation: [ ghor aveyvesthaa ]
"घोर अव्यवस्था" meaning in English
Examples
- मनुष्य नासमझ और अंधा है, और वह नासमझ तथा अंधा ही बने रहना चाहता है, क्योंकि अंदर जाना उसे घोर अव्यवस्था या गड़बड़ी में प्रवेश करने जैसा लगता है।
- लेकिन इतनी सतर्कता के बावजूद हर आदमी के जीवन में एक जैसी व्यवस्था नहीं आ पाती, बल्कि ऐसे असंख्य लोग मिलेंगे जिनकी जीवन शैली में घोर अव्यवस्था पाई जाती है।
- तो हम वहां रह कर क्या करते? मिस समीरा टेढी: पर महाराज, आपके इस तरह पलायन करने से तो आपके हस्तिनापुर में और घोर अव्यवस्था फ़ैल गई है, आपकी प्रजा दुखी है?
- जब अम र्त्य सेन से सवाल किया गया कि क्या हिंसक स्थिति राज्य के आर्थिक विकास को पटरी से उतार सकती है तो उन्होंने कहा हिंसा से घोर अव्यवस्था, असुरक्षा, जनहानि और वीभत्स स्थिति का सृजन होता है।
- कर्म और फल का बन्धन यदि न दीख पड़ेगा, तो लोग कर्त्तव्य के कष्टसाध्य मार्ग को छोडक़र जब जैसे भी बन पड़े, वैसे प्रयोजन सिद्ध करने या भाग्य के भरोसे बैठे रहने की नीति अपना लेंगे और संसार में घोर अव्यवस्था फैल जाएगी।
- गेहूं खरीद भण्डारण जहां एक तरफ घोर अव्यवस्था का शिकार रहा वही दूसरी तरफ फतेहपुर में 15 हजार टन गेहूॅ को औने-पौने दामों में बेच दिया गया, गोण्डा में 2952 बोरी चावल राइस मिल मे पकड़ा गया तथा महराजगंज में गेहूॅ खरीद में 67 लाख का घोटाला हुआ।
- तो हम वहां रह कर क्या करते? मिस समीरा टेढी: पर महाराज, आपके इस तरह पलायन करने से तो आपके हस्तिनापुर में और घोर अव्यवस्था फ़ैल गई है, आपकी प्रजा दुखी है?ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र: हम क्या कर सकते हैं समीरा जी? हम तो बस मंत्रि मंडल की कठपुतली भर रह गये हैं.
- पर उसकी समझ में नहीं आता वह गृहस्थी कैसे करेगी? भीतर की घोर अव्यवस्था और बाहर सब सुचारु रूप से चलाना-कैसे संभव हो सकेगा? मन को चैन नहीं होता तो सारे सुख निरर्थक हो जाते हैं, उनकी ओर हाथ बढ़ाने का प्रयत्न भी कैसे करूँ? “ मैं तुम्हें बुरा लगता हूँ? ” “ नहीं. ” “ फिर? ” ” मैं क्या करूँ, समझ नहीं पाती.
- जागरण संवाद केंद्र, ऊधमपुर: सड़कें उखड़ चुकी हैं। अस्पताल बदहाल हैं। स्कूलों में घोर अव्यवस्था है। लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। रामनगर ब्लॉक पंचायत के तकरीबन सभी गांवों का यही हाल है। यूथ कांग्रेस प्रदेश महासचिव आरएस पठानिया ने रविवार को रामनगर के गांव तरगांह, ठंडापानी, सलोट, रांग, बलांद, धनु, कोनेन समेत कई गांवों का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय विधायक और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में विकास के नाम पर लोगों के साथ मजाक किया गया है। आज