गुरू अर्जुन देव sentence in Hindi
pronunciation: [ gauru arejun dev ]
Examples
- सिख धर्म के पाँचवें गुरू अर्जुन देव ने आदिग्रन्थ की रचना की जिसमें सिक्खों के गुरू तथा हिन्दू व मुसलामन सन्तों की वाणियों को संकलित किया गया है, यह ग्रन्थ धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक है।
- पांचवे गुरू श्री गुरू अर्जुन देव जी का शहीदी गुरूपर्व आज पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ में श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है जगह जगह गुरूद्वारों में कीर्तन दरबार सजाए गए है तथा मीठे पानी की छबीले लगाई गई है।
- जबकि सिक्खों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण थे और दस सिक्ख गुरूओं में से पांचवें गुरू अर्जुन देव को जहांगीर के आदेश पर मौत के घाट उतार दिया गया था, जिन पर जहांगीर के बगावती बेटे खुसरू की सहायता करने का अरोप था।
- जबकि सिक् खों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण थे और दस सिक् ख गुरूओं में से पांचवें गुरू अर्जुन देव को जहांगीर के आदेश पर मौत के घाट उतार दिया गया था, जिन पर जहांगीर के बगावती बेटे खुसरू की सहायता करने का अरोप था।
- गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर का आयोजन सिरसा पर्यावरण दिवस एवं सिखों के पांचवें गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में प्रमुख समाजसेवी संस्था सर्वधर्म एकता सोसायटी द्वारा शिव शक्ति ब्लड बैंक के सहयोग से स्थानीय वाल्मीकि चौक पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
- गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर का आयोजन सिरसा पर्यावरण दिवस एवं सिखों के पांचवें गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में प्रमुख समाजसेवी संस्था सर्वधर्म एकता सोसायटी द्वारा शिव शक्ति ब्लड बैंक के सहयोग से स्थानीय वाल्मीकि चौक पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
- पांचवे गुरू अर्जुन देव जी ने गुरू ग्रंथ साहिब के सम्पादन कार्य के समय सिख गुरूओं के अतिरिक्त ३ ० अन्य वाणीकारों की वाणी शामिल करके, संसार के धर्म साहित्य में एक चमत्कार कर दिया था क्योंकि इन ३ ० वाणीकारों में बाबा फरीद, नामदेव, रविदास, कबीर, सदना, सेन जैसे दलित वर्ग के वाणीकार भी शामिल थे।
- महान गुरू श्री गुरू अर्जुन देव जी व अन्य दूसरे शहीदों के शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के सहकोडिनेटर रणजीत सिंह टक्कर ने अपना 13 वीं बार रक्तदान किया व लोगों से अपील की कि प्रत्येक 18 साल व ऊपर स्वस्थ व्यक्ति को अपने जीवन में रक्तदान करते रहना चाहिए ताकि लोगों की जीवन रक्षा में योगदान दिया जा सके।
- अब हिन्दूसिखों को यह समझना चाहिए कि सिख हिन्दुओं की जरूरत हैं और हिन्दू सिखों की जरूरत हैं जिस तरह महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, महारानी लक्ष्मीबाई जैसे क्राँतिकारी धर्म की रक्षा के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए ठीक उसी तरह गुरू अर्जुन देव जी, गुरू तेगबहादुर जी, गुरू गोबिन्द सिंह जी व उनके बेटे भी धर्म की रक्षा की खातिर लड़ते लड़ते शहीद हुए ।
- जिस प्रकार बिना संगीत के नृत्य नहीं हो सकता, कंठ के बिना गाया नहीं जा सकता | जील के बिना रबाब नहीं बज सकता | ठीक इसी प्रकार नाम के बिना जितने कार्य हैं वह सब व्यर्थ हैं | गुरू अर्जुन देव जी कहते हैं कि नाम के बिना कौन तर सकता है | नाम के बिना कोई भवसागर पार नहीं कर सकता और बिना सतगुरु के नाम की प्राप्ति नहीं होती |