खुमार बाराबंकवी sentence in Hindi
pronunciation: [ khumaar baaraabenkevi ]
Examples
- अगर कोई बिना बोले आपकी मन की बात जान ले तो कितना अच्छा लगता है ना! अब खुमार बाराबंकवी साहब की आँखें-देखिये किसने पढ़ लीं?
- मालूम हो कि खुमार बाराबंकवी वो अजीम शायर थे जिनके सादे लफ्जों में पिरोई गजल उनके मख्सूस तरन्नुम के साथ जब हवा में गूँजती तो मुशायरे महक उठते थे।
- खुमार बाराबंकवी यदि मुशायरे के स्टेज पर रूमानी ग़ज़ल के आखिरी शायर थे, तो समझिए शहर की नशिस्तों में साबिर इंदौरी को रूमानी ग़ज़ल का आखिरी पुजारी कहा जा सकता है।
- अधिकार गीत: माटी कहे कुम्हार से…माटी मे मिल जाना है खुमार बाराबंकवी फ़िल्म: शाहजहांगीत: अए दिल-ए-बेकरार झूम कोई आया है फ़िल्म: साज़ और आवाज़ गीत: साज़ हो तुम,आवाज़ हूं मै
- उसने मेरी संपूर्ण सलाह खारिज की और मुझे चिढ़ाने की गरज से खुमार बाराबंकवी का शेर सुनाया-' न हारा है इश्क न दुनिया थकी है/दिया जल रहा है हवा चल रही है।
- १ ९ १ ९ में ईहलोक में आने वाले इस इंसान का नाम यूँ तो “ मोहम्मद हैदर खान ” था लेकिन उसे जानने वाले उसे “ खुमार बाराबंकवी ” कहते थे।
- ना हारा है इश्क ना दुनिया थकी है दिया जल रहा है हवा चल रही है सुकून ही सुकून है खुशी ही खुशी है तेरा गम सलामत मूझे क्या कमी है-जनाब खुमार बाराबंकवी
- ' खुमार बाराबंकवी ' का यह शेर था ज़ेहन में जब द्विवेदी जी की उपरोक्त टिप्पणी पढ़ी: “ हुस्न जब मेहरबाँ हो तो क्या कीजिए, इश्क के मगफिरत की दुआ कीजि ए. ”
- मृदुल कीर्ति * मृदुल कीर्ति-कविता कोश * डॉ॰ मृदुल कीर्ति का साक्षात्कार कुन्दन लाल सहगल-ऐ दिल ए बेक़रार झूम-शाहजहाँ (1946) खुमार बाराबंकवी के शब्द नौशाद का संगीत ये लुका-छिपी क्यों?
- गम है ना अब खुशी है ना उम्मीद है ना आस सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए क्या लायक ऐ सितम भी नहीं अब मैं दोस्तों पत्थर भी घर में आये ज़माने गुज़र गए-जनाब खुमार बाराबंकवी साहब