एम एस स्वामीनाथन sentence in Hindi
pronunciation: [ em es sevaaminaathen ]
Examples
- जाने माने वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन, जिन्होंने जुलाई, 2009 में अपनी रिपोर्ट में इस संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी, इस केंद्र के लिए सलाहकार के रूप में काम करेंगे।
- इसके बारे में पहली हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन कहते हैं कि इसमें जल का जिक्र ही नहीं है क्योंकि पानी पर जलसंसाधन मंत्रालय का कॉपीराइट है और बाकी मंत्रालयों के बीच कोई तालमेल नहीं है।
- पिछले माह इस ‘फील-गुड ' वातावरण को शर्मसार करने वाली और देश में अनाज के अभाव में भूख और कुपोषण की असली हकीकत को उजागर करती विश्व खाद्य कार्यक्रम और एम एस स्वामीनाथन फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट पेश की।
- इसे देखते हुए जयराम रमेश ने जनसंगठनों, पर्यावरण और खेती के क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के साथ ही देश में हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन से चर्चा की।
- पिछले माह इस ‘ फील-गुड ' वातावरण को शर्मसार करने वाली और देश में अनाज के अभाव में भूख और कुपोषण की असली हकीकत को उजागर करती विश्व खाद्य कार्यक्रम और एम एस स्वामीनाथन फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट पेश की।
- एक और हरित क्रांति की बतकही के बावजूद, इसी बजट में आम तौर पर कृषि तथा खास तौर पर खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी के पहलू से ‘ भविष्यदृष्टि तथा रणनीति ' के अभाव की सचाई खुद प्रोफेसर एम एस स्वामीनाथन ने बयान की है।
- हालांकि नॉरमन बोरलॉग हरित क्रांति के प्रवर्तक माने जाते हैं लेकिन भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय सी सुब्रमण्यम को जाता है और एम एस स्वामीनाथन एक जाने माने वनस्पति विज्ञानी थे जिन्होंने भारत में हरित क्रांति लाने में सी सुब्रमण्यम के साथ अहम भूमिका निभाई थी।
- प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने इस बात पर जोर दिया है कि नीति निर्माताओं के सामने मुख्य चुनौती कृषि क्षेत्र में युवा शक्ति को कायम रखने तथा ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने की है, जिससे संसाधनों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करते हुए किसानों की आय बढ़ाई जा सके।
- एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के प्रधान वैज्ञानिक डा. एन परशुरामन ने कहा, ' छोटे जोत पर युवा खेती को पेशे के रूप में तभी अपना सकते हैं जब प्रौद्योगिकी तथा सार्वजनिक नीति के जरिये उत्पादकता तथा लाभ को बढ़ाया जा सके. ' ज्यादातर किसानों के पास छोटे जोत के खेत हैं, जो कि आर्थिक नजरिये से फायदेमंद नहीं मानी जाती.
- मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन जो चार दशक पहले आई हरित क्रांति के अगुआ थे, कहते हैं कि पौधों में जलवायु परिवर्तन के कारण आद्र्रता और तापमान में होने वाले बदलाव सहने की क्षमता बढ़ाना, उनका इस्तेमाल करने वाले लोगों और जानवरों को पोषण देना आदि तमाम वांछित परिणाम हासिल करना संभव है और यह जरूरी नहीं है कि ये सारे गुण हाइब्रिड नस्लों से ही हासिल किए जा सकें लेकिन इनको पारंपरिक तौर तरीकों से भी हासिल नहीं किया जा सकता।