उस्ताद बिस्मिल्ला खान sentence in Hindi
pronunciation: [ usetaad bisemilelaa khaan ]
Examples
- इसी शहर में आप उस्ताद बिस्मिल्ला खान जैसे मशहूर शहनाई वादक को तहमद बांधे गलियों में आराम से घूमते देख सकते हैं (यह निबंध उस वक् त लिखा गया था, जब बिस्मिल् ला खां जीवित थे: मॉडरेटर) ।
- गीत, गझल,पद,छंद,दोहे,श्लोक,प्रार्थना,भजन,स्तुति,कीर्तन,काफ़ी,!!! गायकों में देखिये: पंडित जसराज,पंडित ओमकारनाथ ठाकुर,पंडित शिवकुमार शर्मा,पंडित हरिप्रसाद चौरसिया,उस्ताद जाकिर हुसेन,उस्ताद अमजद अली खान,पंडित रविशंकर, उस्ताद बिस्मिल्ला खान,जैसे दिग्गज नाम जुड़े हुए है...
- इसके अलावा उस्ताद बिस्मिल्ला खान का शहनाई वादन, उस्ताद अलाउद्दीन खान का सरोद वादन और द्वाराम वेंकटस्वामी नायडू के वायलिन पर आधारित दुर्लभ राग, टीएन राजरत्नम पिल्लई का नादस्वरम और टीआर महालिंगम एवं पन्नालाल घोष के बांसुरी वादन को भी यात्रियों को सफर के दौरान सुनाया जाएगा।
- फिल्म ‘एक खोज: भारत की' में क्रांतिकारी सेनानी मंगल पांडेय से लेकर तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, उधम सिंह, बहादुर शाह जफर, अवध के नवाब वाजिद अली शाह समेत अन्य स्वतंत्रता सेनानियो के अलावा उस्ताद बिस्मिल्ला खान के जीवित गुमनाम वंशजों की हकीकत बयां की गयी है।
- सवाल-लेकिन आपके बराबर के ही कलाकारों में पंडित रविशंकर जी, भीमसेन जोशी जी, सुब्बा लक्ष्मी जी, उस्ताद बिस्मिल्ला खान साहब सब को तो मिल गया है भारत रत्न, आपको क्यों नहीं, क्या कथक एक बेहतर कला नहीं है या फिर आप ।
- वरिष्ठ पत्रकार शिवनाथ झा और उनकी पत्नी नीना ने सात साल पहले शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खान के लिए ‘आंदोलन..एक पुस्तक से' अभियान की शुरूआत की थी और उन्होंने इसके बाद सिलसिलेवार कई स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों की खोज की है जिनमें से अधिकतर दयनीय हालत में हैं।
- इसके अलावा उस्ताद बिस्मिल्ला खान का शहनाई वादन, उस्ताद अलाउद्दीन खान का सरोद वादन और द्वाराम वेंकटस्वामी नायडू के वायलिन पर आधारित दुर्लभ राग, टी एन राजरत्नम पिल्लई का नादस्वरम और टी आर महालिंगम एवं पन्नालाल घोष के बांसुरी वादन को भी यात्रियों को सफर के दौरान सुनाया जाएगा।
- इस अहाते के मुख्य द्वार (सिंहदरवाजा) की खूबसूरती की चमक आज धुंधली पड़ती जा रही है, लेकिन इसी दरवाज़े के ऊपर बने नौबतखाने में भारत-रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खान अपने अब्बू के साथ बैठा करते थे, और अब्बूजान राजा-साहब के मनोरंजन के लिए अपना पारंपरिक वाद्य-यन्त्र (शहनाई) बजाते थे।
- पेंगुइन द्वारा प्रकाशित यतीन्द्र मिश्र की उस्ताद बिस्मिल्ला खान पर लिखित किताब ‘ ' सुर की बारादरी ' के मुताबिक़, इसके लिए 1957 में उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ान साब ने एचएमवी के माध्यम से एक विशेष एलपी तैयार कराया था, जिसमें सुबह और शाम के अलग अलग सात रागों को तीन तीन मिनट के लिए बजाया गया है।
- कविता में कवि लिखता हैद्र ह्य...कि आखिर कौन कर रहा है किसकी संगत!!/यह एक काफिर और एक म्लेच्छ की जुगलबंदी थी.../ जो दुनिया को एक लय में बांध लेना चाहती थी/यह जुगलबंदी एक विस्तार था उन जुगलबंदियों का.../ जो खेतों कारखानों में पसीना बहाते/पत्थर तोड़ते मकान बनाते/व्किेट और हॉकी खेलते/या विवाह के मंत्राोच्चार के बीच शहनाई बजाते उस्ताद बिस्मिल्ला खान द्वारा की जाती है।