उदयनारायण तिवारी sentence in Hindi
pronunciation: [ udeynaaraayen tivaari ]
Examples
- हिन्दी भाषा का उद्गम और विकास पुस्तक में उदयनारायण तिवारी लिखते हैं कि जरथुस्त्र के पूर्व के ईरानीय-आर्य, भारतीय-आर्यों की भाँति ही यज्ञपरायण तथा देवोपासक थे।
- उदयनारायण तिवारी और धीरेन्द्र वर्मा हूँ रूप को ‘ अस्मि ' से यूँ सिद्ध करते हैं-संस्कृत, अस्मि > प्राकृत, अम्हिं > हिन्दी, हूँ।
- आज लगभग सभी विश्वविद्यालयों के हिन्दी विभागों में उदयनारायण तिवारी और भोलानाथ तिवारी आदि की जो किताबें पाठ्यक्रम में हैं, वे इन्हीं मान्यताओं पर टिकी हैं।
- तो खैर मुद्दा यह कि तेग़ अली संगीत के बेहद शौकीन थे. ‘ भोजपुरी भाषा और साहित्य ' में पं. उदयनारायण तिवारी कहते हैं.
- डॉ. जयकांत मिश्र और डॉ. उदयनारायण तिवारी ने क्रमश: मैथिली और भोजपुरी में चार-चार रूपों को स्वीकार किया है-अतिह्रस्व, ह्रस्व, अतिदीर्घ, दीर्घ; जैसे घोर, घोरा, घोरवा और घोरउआ।
- डॉ. बाबूराम सक्सेना, डॉ. धीरेंद्र वर्मा और डॉ. उदयनारायण तिवारी जैसे भाषा विज्ञानियों ने मध्यप्रदेश की भाषायी स्थिति पर काम करने के लिए प्रेरणाएं दी हैं।
- 6. डॉ 0 उदयनारायण तिवारी एक रोचक स्थापना देते हुए लिखते हैं कि भोजपुर नामकरण किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर नहीं हुआ था, बल्कि उज्जैनी भोजों के नाम पर इसका नामकरण हुआ होगा।
- महावीर सरन जैन का प्रयाग विश्वविद्यालय की डी. फिल. उपाधि के लिए स्वीकृत शोधप्रबंध हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा सन 1967 में प्रकाशित हुआ जिसके संबंध में प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक उदयनारायण तिवारी ने ग्रंथ की भूमिका में लिखा है: ” प्रस्तुत शोध प्रबंध में डा.
- डा. महावीर सरन जैन का प्रयाग विश्वविद्यालय की डी. फिल. उपाधि के लिए स्वीकृत शोधप्रबंध हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा सन 1967 में प्रकाशित हुआ जिसके संबंध में प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक उदयनारायण तिवारी ने ग्रंथ की भूमिका में लिखा है: ” प्रस्तुत शोध प्रबंध में डा.
- फि ल. उपाधि के लिए स्वीकृत शोधप्रबंध हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा सन 1967 में प्रकाशित हुआ जिसके संबंध में प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक उदयनारायण तिवारी ने ग्रंथ की भूमिका में लिखा है: ” प्रस्तुत शोध प्रबंध में डा. महावीर सरन जैन ने बुलन्द शहर एवं खुर्जा तहसीलो की बोलियों का संकालिक दृष्टिकोण से भाषाशास्त्रीय अध्ययन प्रस्तुत किया है. डा. जैन ने यह शोध प्रबंध प्रयाग विश्वविद्यालय की डी.