आरती मुखर्जी sentence in Hindi
pronunciation: [ aareti mukherji ]
Examples
- उनमें से एक लोकप्रिय गीत था-चना गेहूं के खेतवा तनी कुसुमी बोअइह हो बारी सजन (आरती मुखर्जी और सुरेश वाडेकर के स्वर में) इसी फिल्म में अंगिया उठेला थोड़े थोड़...
- उस शो में लता जी, रफ़ी साहब, उषा जी, हृदयनाथ जी, किशोर दा, सुबीर सेन, संध्या मुखर्जी, आरती मुखर्जी, हेमन्त दादा, सब गाने वाले थे।
- उनके शिष्यों में कविता कृष्णमूर्ति, मीनू मुखर्जी (हेमंत कुमार की बेटी), छाया गांगुली, आरती मुखर्जी, और आज के गायक शान के पिता मानस मुखर्जी जैसे लोगों का नाम शुमार है।
- पहचानें अगला गीत-आरती मुखर्जी और एक पुरुष गायक की युगल आवाज़ में ये एक भक्ति गीत है जिसके मुखड़े में शब्द है-“बदनाम” पिछले अंक में हा हा हा....खूब कहा कृष्ण मोहन जी खोज व आलेख-सुजॉय चट्टर्जी
- शादी-ब्याह का भाभी के लिए गाया जाने वाला यह गीत चन्द्राणी मुखर्जी ने आरती मुखर्जी के साथ राजश्री प्रोडक्शनस की फ़िल्म तपस्या के लिए गाया है जिसे आभा धुलिया और गायत्री पर फ़िल्माया गया है और भय्या भाभी है असरानी और मंजू असरानी-
- इन तीन हिट गीतों के अलावा दो और गीत थे इस फ़िल्म में, एक आरती मुखर्जी का गाया हुआ और दूसरा मन्ना डे साहब का गाया हुआ, जो फ़िल्माया गया था कॊमेडियन देवेन वर्मा पर, जिन्होने फ़िल्म में एक मरीज़ की भूमिका निभाई थी।
- इन तीन हिट गीतों के अलावा दो और गीत थे इस फ़िल्म में, एक आरती मुखर्जी का गाया हुआ और दूसरा मन्ना डे साहब का गाया हुआ, जो फ़िल्माया गया था कॊमेडियन देवेन वर्मा पर, जिन्होने फ़िल्म में एक मरीज़ की भूमिका निभाई थी।
- एक तो है फ़िल्म ' मासूम ' का “ दो नैना और एक कहानी ”, जिसे गा कर आरती मुखर्जी ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता था, और दूसरी लोरी है फ़िल्म ' सदमा ' का “ सुरमयी अखियों में नन्हा मुन्ना एक सपना दे जा रे ” ।
- लता जी और आशा जी को छोड़ कर अन्य गायिकाओं के साथ गाए उनके गीत सुनवाए-सुलक्षणा पंडित के साथ दूर का राही फिल्म से, आरती मुखर्जी के साथ तपस्या फिल्म से, अनुराधा पौडवाल के साथ बदलते रिश्ते फिल्म से और अलका याज्ञिक के साथ कामचोर फिल्म से।
- इस फ़िल्म ने उस साल के तमाम फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते थे, जैसे कि नसीरुद्दिन शाह (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता), गुलज़ार (सर्वश्रेष्ठ गीतकार-“तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी”), राहुल देव बर्मन (सर्वश्रेष्ठ संगीतकार), आरती मुखर्जी (सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका-“दो नैना और एक कहानी”) तथा शेखर कपूर को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म-क्रिटिक्स का पुरस्कार मिला था।