आईन-ए-अकबरी sentence in Hindi
pronunciation: [ aaeen-akebri ]
Examples
- क्योंकि आईन-ए-अकबरी में जहाँ पर अकबर के राज्य-भर के जिलों और परगनों का वर्णन हैं, वहाँ पटना के आसपास में ही बेमूपुर नामक महाल या परगना भी लिखा गया है।
- आईन-ए-अकबरी में अबुल फजल ने लिखा है कि अकबर के लिए प्रतिदिन कुछ विद्वान जुटते थे और उसके लिए पाठ करते थे, बादशाह बेहद गौर से शुरू से आखिर तक सुनता था और पाठ करने वालों को पन्नों के हिसाब से भुगतान करता था।
- अबुलफ़ज्ल ऐसे प्रकांड विद्वान् अन्य काल में भी संभव था, किंतु आईन-ए-अकबरी जैसा ग्रंथ अकबर के काल में ही संभव था, क्योंकि असाधारण विद्वान् (इसलिए वह अल्लामी के विभूषण से प्रतिष्ठित हुआ) और असाधारण सम्राट् का बौद्धिक स्तर पर उदात्त भावनाओं की प्रेरणा से पूर्ण समन्वय संभव हो सका था।
- अबुलफ़ज्ल ऐसे प्रकांड विद्वान् अन्य काल में भी संभव था, किंतु आईन-ए-अकबरी जैसा ग्रंथ अकबर के काल में ही संभव था, क्योंकि असाधारण विद्वान् (इसलिए वह अल्लामी के विभूषण से प्रतिष्ठित हुआ) और असाधारण सम्राट् का बौद्धिक स्तर पर उदात्त भावनाओं की प्रेरणा से पूर्ण समन्वय संभव हो सका था।
- अंग्रेजी के लाए हुए विज्ञान ने उसे इतना प्रभावित किया कि जब गदर से कई वर्ष पहले सर सैय्यद अहमद खां ने अबुल फजल की ' आईन-ए-अकबरी ' का परिशोधन किया और गालिब से उसकी समीक्षा लिखने की इच्छा प्रकट की तो गालिब ने गजल के रूपकों के सारे आवरण अलग रखकर स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि आंखें खोलकर साहिबान-ए-इंग्लिस्तान को देखो कि ये अपने कला-कौशल में अगलों से आगे बढ़ गए हैं.
- परंतु इस विषय में हमारा निवेदन यह है कि जब ' आईन-ए-अकबरी ' जैसे प्राचीन ग्रन्थों में जैसे अन्य ब्राह्मण जमींदारों को ब्राह्मण या जुन्नारदार लिखा, वैसे ही इन दोनवार और किनवार आदि अयाचक ब्राह्मण दलों को भी जुन्नारदार या ब्राह्मण ही लिखा है, जैसा कि प्रथम परिच्छेद में ही विस्तृत रूप से दिखला चुके हैं, तो क्षत्रियों में या अन्य जातियों में दोनवार आदि संज्ञाएँ देख कर संदेह करना या मिथ्या कल्पनाएँ करना अनभिज्ञता नहीं तो और क्या कहा जा सकता है?